scorecardresearch
 

पेट्रोल-डीजल के रेट को लेकर राजस्थान में सियासी जंग जारी, CM गहलोत ने की ये मांग

केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल (Petrol Diesel) पर लगी एक्साइज ड्यूटी में 5 रुपये और 12 प्रति लीटर छूट की घोषणा करने के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने मांग की है कि केंद्र सरकार एडिशनल एक्साइज ड्यूटी, स्पेशल एक्साइज ड्यूटी और सेस में और अधिक कमी लाए.

Advertisement
X
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (फाइल फोटो-PTI)
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पेट्रोल-डीजल रेट को लेकर CM गहलोत की मांग
  • 'केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी और कम करे'
  • 'इससे राज्यों का वैट (VAT) भी कम हो जाएगा'

केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल पर लगी एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) में 5 रुपये और 12 प्रति लीटर छूट की घोषणा करने के बाद से राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी (Congress And BJP) एक दूसरे पर राजनीतिक प्रहार कर रहे हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मांग की है कि केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल और गैस पर लग रहे एडिशनल एक्साइज ड्यूटी, स्पेशल एक्साइज ड्यूटी और सेस में और अधिक कमी लाए.

सीएम गहलोत ने ट्विटर के जरिए कहा, "मेरा सुझाव है कि पेट्रोल-डीजल और गैस से एडिशनल एक्साइज ड्यूटी (Additional Excise Duty), स्पेशल एक्साइज ड्यूटी (Special Excise Duty) और सेस (CESS) के रूप में जो राजस्व केन्द्र सरकार इकट्ठा कर रही है, उस पर राज्य सरकारें VAT लगाती है. इसलिए केन्द्र सरकार को महंगाई को देखते हुए और इसमें और अधिक कमी करनी चाहिये. जिससे राज्यों का VAT Collection स्वतः उसी अनुपात में कम हो जायेगा. जैसा 5 रुपये पेट्रोल एवं 10 रुपये डीजल का दाम कम करने की घोषणा के साथ ही राजस्थान राज्य को 1800 करोड़ रुपये का राजस्व कम हो जायेगा.

सतीश पूनिया ने दी प्रतिक्रिया

तो वहीं, राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सीएम गहलोत के बयान पर प्रतिक्रिया देते कहा कि केंद्र सरकार द्वारा डीजल-पेट्रोल पर एक्साइज डयूटी कम किए जाने से आमजन को काफी राहत मिली है लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत जो कह रहे हैं, वह आश्चर्यजनक है. उन्होंने एक्साइज डयूटी में वैट को समाहित कर लिया, जो प्रदेश की जनता के साथ छल है.

Advertisement

'देश का सर्वाधिक वैट राजस्थान में'

पूनिया ने कहा, ''राजस्थान में डीजल-पेट्रोल पर वैट की अन्य राज्यों से तुलना करेंगे तो देश का सर्वाधिक वैट राजस्थान में है, इसलिये यहां डीजल-पेट्रोल महंगा है, जबकि दूसरे प्रदेशों की सरकारों मध्यप्रदेश, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, बिहार इत्यादि ने आमजन को राहत देने के लिये वैट कम किया है. जिन राज्यों ने ईंधन पर वैट में कटौती नहीं की है, वे हैं महाराष्ट्र, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, मेघालय, अंडमान और निकोबार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पंजाब और राजस्थान. यह दिलचस्प है कि इनमें से हर एक राज्य में गैर-बीजेपी सरकारों का शासन है.''

 

Advertisement
Advertisement