प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार के लोक कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित होने वाले 2 लाख 38 हजार लाभार्थियों से मिलने के कार्यक्रम को कांग्रेस ने सरकारी पैसे पर बीजेपी का प्रचार बताया है. सभा में लाभार्थियों को लाने के लिए सभी कलेक्टर और रशद अधिकारियों को जिम्मा दिया गया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि कुर्सी बचाने के लिए वसुंधरा भीड़ लाने के लिए कलेक्टरों पर दबाव डाल रही हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात जुलाई को अपनी योजनाओं का फीडबैक लेने जयपुर आ रहे हैं. अपनी सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों से सीधे संवाद का ये देश में अब तक का सबसे बड़ा कार्यक्रम है. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस लाभार्थी सभा को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है.
वसुंधरा राजे ने राजस्थान के सभी सांसद, विधायक, मंत्री, बोर्ड और आयोग अध्यक्षों की मीटिंग बुलाकर सभी को यह जिम्मेदारी दी है कि अपने अपने इलाके से ज्यादा से ज्यादा सरकारी योजनाओं के लाभ उठाने वाले लोगों को लेकर जयपुर की सभा में पहुंचे. साथ ही कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार की योजनाओं का जिन लोगों को लाभ पहुंचा है उन्हें चिन्हित करके रसद अधिकारी को उनकी सूची सौंपी जाए. रसद अधिकारी उन्हें लेकर जयपुर आएंगे.
ये सरकार का कार्यक्रम: मदनलाल सैनी
मोदी की सभा में पूरे सरकारी अमले को झोंकने के सवाल पर बीजेपी कहती है कि ये सरकारी कार्यक्रम है. अगर कोई बीजेपी कार्यकर्ता जाना चाहे तो रोक नही है. प्रदेश अध्यक्ष बीजेपी मदनलाल सैनी का कहना है कि ये सरकार का कार्यक्रम है पार्टी का नहीं. बीजेपी के कार्यकर्ता तो जआएंगे क्योंकि हमारा प्रधानमंत्री आ रहा है. पंचायत राज मंत्री राजेंद्र राठौड़ का कहना है कि BJP की सरकार है और BJP सरकार के अफसर हैं. इसलिए BJP का यह कार्यक्रम और सरकारी कार्यक्रम दोनों है.
जिस तरह से पिछली बार झुंझुनू में प्रधानमंत्री की सभा में हंगामा हुआ था उसे देखते हुए यह भी तय किया गया है कि जिन लोगों को लाभ मिला है उनके बारे में यह पता कर लिया जाए कि वह कहीं कांग्रेस या दूसरे दलों के समर्थक तो नहीं हैं. इस बार राज्य सरकार फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. सभी विधायकों, मंत्रियों और सांसदों को निर्देश दिए गए हैं कि अपने अपने इलाके से आने वाले लोगों के बीच में ही बैठे. आगे की कतार में कोई भी नेता नहीं बैठेगा ताकि कोई भी पिछली बार की तरह सभा में हंगामा नहीं कर सके.
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया है कि वसुंधरा मोदी के सामने अपनी कुर्सी बचाने के लिए कलेक्टरों पर भीड़ लाने के लिए दबाव डाल रही हैं. माना जा रहा है कि जयपुर की रैली से राजस्थान विधानसभा चुनाव की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी करेंगे. लिहाजा कांग्रेस भी मोदी की यात्रा को देखते हुए अभी से हमलावर हो गई है.
कैसे होगा चयन
सभी विभागों को जिलावार लाभार्थियों की सूची कलेक्टर को सौंपना होगा. फिर उनका बायोडाटा बनेगा. सूची मुख्यसचिव तक जाएगी. चयनित लोगों को जिला मुख्यालय और फिर जिला मुख्यालय से जयपुर लाने की व्यवस्था परिवहन विभाग करेगा. हर वाहन में एक सरकारी अधिकारी और दो कॉर्डिनेटर होगा. वाहनों में लंच, डिनर, नाश्ता पानी और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था रसद अधिकारी करेगा.