नोटबंदी का असर सब्जी मंडियों पर दिखने लगा है. पैसे और खुले नहीं होने की वजह से खरीददार आ नहीं रहे हैं तो सब्जियों के दाम आधे से भी कम हो गए हैं. जिनके पास पैसे हैं वो तो थैला भरकर सब्जियां ले जा रहे हैं.
सब्जियों के दाम कम होने पर भी ग्राहकों की कमी है. जो फूलगोभी कुछ दिन पहले 40 रुपये किलो थी वह अब 10 रुपये के भाव से बिक रही है, वहीं थोक मंडी में तो दाम 5 रुपये तक जा पहुंचे. इसी तरह पहले जो टमाटर 40 रुपए किलो बिक रहे थे वो आजकल 10 से 15 रुपए किलो तक बिक रहे हैं.
कई सब्जियों का तो हाल ये है कि किसानों को उसकी लागत तक नहीं मिल पा रही है. जयपुर फल सब्जी थोक विक्रेता संघ के अध्यक्ष राहुल तंवर ने बताया कि पिछले 15 दिनों से व्यापार पूरी तरह से ठप है. ना तो मंडी में पहले की तरह लेनदेन हो रहा है और न हीं बाहर से गाड़ियां आ जा रही है. ग्राहक नहीं आए तो किसानों को सब्जियां सड़कों पर फेंकना पड़ सकता है.
ये हाल अकेले जयपुर का हीं नही है. उदयपुर, जोधपुर और अलवर-भरतपुर की सब्जी मंडियों में भी सब्जियों के भाव औंधे मुंह गिरा हुआ है. होटलों और ढाबों में भी लोग कम आ रहे हैं इसकी वजह से होटलों और ढाबों में भी सब्जियों की सप्लाई बिल्कुल बंद-सी है. लेकिन लोगों के सामने अजीब विडंबना है सस्ती सब्जी भी जी भरकर नहीं खा सकते हैं क्योंकि पैसे को खर्च करने से पहले सौ बार सोच रहे हैं कि कल कौन जाएगा बैंक की लाईन में खड़े होनें और लाईन में लगने के बावजूद नोट मिल जाए इसकी कोई गारंटी नही है.