गुर्जर आंदोलन के 70 समर्थकों के खिलाफ मंगलवार को आगरा के सिकंदरा थाने में केस दर्ज कर लिया गया. इन सभी पर जैतपुर-आगरा नेशनल हाइवे जाम करने का आरोप है.
वहीं, दूसरी तरफ गुर्जर नेता कर्नल किरोरी सिंह बैंसला के खिलाफ राजस्थान हाइकोर्ट में अवमानना की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होगी. राज्य सरकार ने 2008 में रेल रोकने पर बैंसला के खिलाफ अवमानना याचिका लगाई थी.
हालांकि इससे पहले खबर आई कि आंदोलन पर बैठे बैंसला की लू लगने से तबीयत खराब हो गई है. उन्हें हिंडोन के निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया
पूरा मामला 10 सितंबर 2007 का है जब कोर्ट ने को बैंसला को आदेश दिया था कि वो कानून को अपने हाथ में ना लें और रेल ट्रैक खाली कर दें. बैंसला ने ट्रैक जाम किया तो फिर राज्य सरकार ने आदालत में अर्जी दे दी. कोर्ट ने राज्य के तत्कालीन मुख्य सचिव, गृह सचिव और डीजीपी से जवाब मांगा था कि उनकी ओर से गुर्जर आंदोलन के दौरान लॉ एंड ऑर्डर को काबू में करने के लिए क्या कदम उठाए गए.
गौरतलब है कि बैंसला के खिलाफ 21 मई को बयाना पुलिस ने जनता को भड़गाने के आरोप में राजद्रोह का मामला दर्ज किया है. इसके अलावा रेलवे ट्रैक की फिशप्लेट निकालने के आरोप में बैंसला पर अटेंप्ट टू मर्डर का भी चार्ज लगा है. पुलिस ने मामले में कुल 2500 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है.
गुर्रजरों के लिए सरकारी नौकरी में पांच फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर एक बार फिर बैंसला के नेतृत्व में गुर्जर आंदोलन शुरू हो गया है. आंदोलनकारी पिछले पांच दिनों से बयाना के पास मुंबई-दिल्ली रेलवे ट्रैक पर बैठ प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि राज्य सरकार ने आंदोलनकारियों से 'स्पेशल बैकवर्ड क्लास कोटा' के मुद्दे पर बातचीत की पेशकश की है. लेकिन बैंसला ने जयपुर जाकर बातचीत करने से इंकार कर दिया है.