राजस्थान में सरकारी डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से हाहाकार मचा हुआ है.आज राज्य में तीसरे दिन सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर रहे.अस्पतालों में इलाज के लिए मरीज भटक रहे हैं. निजी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ती जा रही है.
राज्यभर से जो खबरें आ रही हैं उसके अनुसार डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से 3 लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य सरकार के लिए बुरी खबर ये है कि आज से बड़े शहरों में अस्पतालों की व्यवस्था संभाल रहे रेजिडेंट डॉक्टर भी हड़ताल पर चले गए हैं. ऐसे में कल से परेशानी और बढ़ जाएगी.
डॉक्टरों की हड़ताल का असर सबसे ज्यादा ग्रामीण इलाकों पर है. इन इलाकों में निजी अस्पतालों जैसी व्यवस्था भी नहीं है. लिहाजा, लोगों को शहर में महंगे इलाज के लिए आना पड़ रहा है. बिगड़ती स्थिति को देखते हुए सरकार ने BSF और रेलवे से मदद मांगी है.
राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने आर्मी, BSF और रेलवे को चिट्ठी लिखी है कि राज्य में स्वास्थ्य की आपातकालीन समस्या की वजह से सेवा की जरूरत है. राज्य सरकार ने सख्ती दिखाते हुए सोमवार को भी 6 डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है.
दरअसल, यह पूरा झगड़ा तब शुरू हुआ, जब नवंबर में हड़ताल के दौरान आंदोलन चला रहे डॉक्टर नेताओं का सरकार ने ट्रांसफर कर दिया. 12 डॉक्टर नेताओं के ट्रांसफर के बाद डॉक्टरों ने 18 दिसंबर से हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया. इस बीच सरकार ने रेशमा लागू कर दिया और डॉक्टरों की गिरफ्तारी शुरू कर दी. इससे नाराज होकर डॉक्टर 16 दिसंबर को हड़ताल पर चले गए.
डॉक्टरों की मांग है कि डॉक्टर के स्थान पर नेताओं के ट्रांसफर किए जाएं, स्वास्थ्य सेवाओं में प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की जगह डॉक्टरों की नियुक्ति की जाए और इनके वेतनमान की समीक्षा हो. साथ ही डॉक्टरों के कार्य के घंटे कम किए जाएं.