अलवर में गोरक्षकों के हाथों मारे गए उमर के परिवार वालों का कहना है कि जब तक आरोपी पकड़े नहीं जाते हैं, तब तक वो उमर का पोस्टमॉर्टम नहीं कराएंगे. राजस्थान सरकार ने उमर का शव पोस्टमॉर्टम के लिए जयपुर भेज दिया है. उमर के परिवार वालों ने जयपुर में डीजीपी से मिलकर इंसाफ की मांग की है.
पुलिस जांच पर परिवार को भरोसा नहीं
परिवार का कहना है कि पुलिस पूरे मामले को रफा-दफा करने में लगी है और पुलिस की जांच पर उन्हें भरोसा नहीं है. गोरक्षकों पर मारने का आरोप लगाने वाले उमर के चाचा इलियास ने बताया कि तीन लोग दूध देने वाली गाय खरीद कर ला रहे थे. उसी दौरान कुछ लोगों ने हमला कर दिया.
लाठी-डंडे से हमले के बाद चलाई गई गोली
किसी तरह जान बचाकर भागे ड्राइवर जावेद ने बताया कि हमलावर लाठी-डंडे से पहले तो गाड़ी पर टूट पड़े और उसके बाद उमर और तारीक को गोली मार दी. तारीक तो भग कर हरियाणा चला गया मगर उमर नहीं मिला. दो दिन बाद उसका शव पटरी पर मिला. पहचान मिटाने के लिए चेहरे को पूरी तरह से क्षत-विक्षत कर दिया गया था.
दूसरी तरफ मेव समाज और सामाजिक संगठनों ने आरोप लगाया कि उमर की हत्या पुलिस ने की है और जांच को भटकाने के लिए झूठी तैयारियां कर रही है. पीयूसीएल की कविता श्रीवास्तव का कहना है कि पूरे थाने को सस्पेंड कर पूछताछ की जाए तो पूरे मामले का पर्दाफाश हो जाएगा.
गाय लेकर जा रहे युवकों पर किया गया हमला
मालूम हो कि अलवर जिले से गाय लेकर भरतपुर के घाटमिका गांव जा रहे तीन मुस्लिम युवकों पर हमला किया गया था. हमले में गोली लगने से उमर खान की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि उसके साथी ताहिर का हरियाणा के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है. वहीं, ड्राइवर जावेद उर्फ जफ्फार हरियाणा के नूह के निजी अस्पताल में भर्ती है.
पीड़ित परिवार ने पुलिस और हिंदूवादी संगठन पर लगाया आरोप
इस मामले में मृतक उमर के परिजनों का आरोप है कि पुलिस के साथ हिंदूवादी संगठन के लोगों ने गाय लेकर जा रहे युवकों से मारपीट की. इसके बाद गोली मार कर हत्या की गई और शव को रेलवे पटरी पर छोड़ा गया, ताकि शव की शिनाख्त ना हो सके.