राजस्थान के जोधपुर में पाक विस्थापितों की बस्तियों में भी कोरोना संक्रमित सामने आ रहे हैं. यहां ज्यादातर लोगों की जांच नहीं हो पा रही है क्योंकि उनके पास दस्तावेज नहीं है. यहां बड़ी संख्या में लोग बुखार खांसी और सांस की परेशानी से जूझ रहे हैं. साथ ही उन्हें डर है कि अगर अस्पताल गए तो वहां भर्ती कर लिया जाएगा.
जोधपुर में 21 से ज्यादा पाक विस्थापितों की बस्तियां हैं जहां हजारों की संख्या में लोग रहते हैं. इनमें कोरोना के लक्षण वाले करीब 5 लोगों की मृत्यु हो चुकी है. इसके बावजूद अभी सरकारी मदद व स्वास्थ्य विभाग की टीमें यहा नहीं पहुंची है. पाक विस्थापित बस्तियों से जुड़े लोगों की माने तो हाल ही में इन बस्तियों में रहने वाले इसरो भील, हेमंत सुथार, शंकर माली, भैरू माली व देवी माली की मौत हो चुकी है.
इन बस्तियों में काम करने वाले सीमांत लोग और संगठन के कार्यकर्ता आगे आए हैं जो प्रशासन को जानकारी दे रहे हैं लेकिन अभी तक इन बस्तियों के लिए चिकित्सा व्यवस्था को लेकर बड़ी रणनीति नहीं बनी है. शहर के चौखा क्षेत्र स्थित पाक विस्थापितों की बस्ती में रहने वाले भागचंद भील का कहना है कि बहुत कम लोग अपनी जांच करवाते हैं. उन्हें डर है कि उन्हें क्वारंटीन कर दिया जाएगा. इसके अलावा आधार कार्ड नहीं होने से भी जांच नहीं हो पा रही है. यहां ज्यादातर को अभी भारतीय नागरिकता का इंतजार भी है.
आधार के बिना कैसे होगा टीकाकरण यह भी बड़ी समस्या है. पाक विस्थापितों की अल कौसर बस्ती में भी बड़ी संख्या में लोग बीमार हैं. 2 महीने पहले ही नागरिकता प्राप्त करने वाले भूराराम का कहना है कि ज्यादातर लोगों के पास आधार कार्ड नहीं है जिसके चलते बड़ी परेशानी है. कुछ लोगों की जांच हुई है जिससे केस पॉजिटिव भी आए हैं.
एक व्यक्ति की इस बस्ती में मौत भी हो चुकी है. इस बस्ती में कोरोना वायरस को लेकर कोई प्रयास नहीं किए गए हैं. चारों तरफ लोग बिना मास्क लगाए नजर आते हैं. इसके अलावा आसपास की जो दुकान है वहां पर भी लोगों की भीड़ रहती है .इसके बावजूद भी प्रशासनिक व्यवस्था यहां नजर नहीं आती है.