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पायलट संग बैठक के बाद बोले विधायक- पंजाब का समाधान 10 दिन में तो हमारा क्यों नहीं

देश के अलग-अलग राज्यों में कांग्रेस पार्टी अभी अंदरूनी कलह का सामना कर रही है. इस बीच राजस्थान में सचिन पायलट ने साथी विधायकों संग बैठक बुलाई है. हालांकि, ये बैठक कांग्रेस द्वारा किए जाने वाले प्रदर्शन को लेकर रणनीति बनाने पर बताई जा रही है.

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कांग्रेस नेता सचिन पायलट
कांग्रेस नेता सचिन पायलट
स्टोरी हाइलाइट्स
  • साथी विधायकों संग सचिन पायलट की बैठक
  • कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर रणनीति पर विचार

पंजाब में बगावत का सामना कर रही कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में भी झटका लगा और जितिन प्रसाद ने पार्टी छोड़ दी. इस सबके बीच अब राजस्थान में भी हलचल शुरू हो गई है. पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट गुरुवार को अपने आवास पर समर्थक विधायकों के संग बैठक की. सूत्रों का कहना रहा कि ये मीटिंग पेट्रोल-डीज़ल के बढ़ते दामों के खिलाफ कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर हो रही. 

मीटिंग के बाद क्या बोले विधायक?

मीटिंग के बाद पायलट कैंप के विधायक मुकेश भाकर रामनिवास गावड़िया और वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा कि कोरोना काल में किए गए कामों और पार्टी के कल होने वाले प्रदर्शन की तैयारियों को लेकर चर्चा हुई. वहीं कांग्रेस के भीतर चल रहे सियासी घमासान पर तीन विधायकों ने जोर देकर कहा कि सचिन पायलट कांग्रेस के साथ और हम सचिन पायलट के साथ हैं. लेकिन आलाकमान को भी अब सुननी चाहिए हमारी मांगे. जब पंजाब में विधायकों की समस्याओं का निस्तारण 10 दिन में हो सकता है, तो राजस्थान में इतनी देरी ठीक नहीं. मीटिंग के बाद सचिन पायलट से भी प्रतिक्रिया लेने का प्रयास रहा, लेकिन अभी वे कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. ऐसे में सस्पेंस भी है और राज्य में राजनीति सरगर्मी भी बढ़ती जा रही है.

दरअसल, अटकलें लगाई जा रही थी कि पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने पाला बदल लिया है और वो अब अशोक गहलोत के खेमे में चले गए हैं. लेकिन इस बीच विश्वेंद्र सिंह भी गुरुवार को सचिन पायलट के घर पहुंचे और अटकलों पर विराम लग गया. 

शुक्रवार को राजेश पायलट की जयंती है, ऐसे में सचिन पायलट हर बार उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करने जाते हैं, साथ में विधायक भी होते हैं. इस बार कोरोना होने के कारण उन्होंने समर्थकों से बड़ी मात्रा में जुटने के लिए नहीं कहा है. 

सचिन पायलट का कहना है कि वह साथी विधायकों के साथ बीजेपी के खिलाफ पेट्रोल-डीज़ल के बढ़ते दामों के मसले पर होने वाले प्रदर्शन को लेकर मंथन कर रहे हैं. उनके घर अभी राकेश पारिक, विश्वेंद्र सिंह यानी दो विधायक मौजूद हैं. 

पंजाब की तरह मचेगी राजस्थान में खलबली?

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दरअसल, पिछले साल अपने समर्थकों के साथ मिलकर सचिन पायलट ने बागी तेवर अपनाए थे. तब बड़ी ही मुश्किल से कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने स्थिति को संभाला था, कांग्रेस की ओर से अशोक गहलोत गुट और सचिन पायलट गुट में दूरियां मिटाने के लिए एक पैनल भी बनाया गया था. 

हालांकि, अब एक साल बाद तक पैनल की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. ऐसे में जब पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर के खिलाफ बागी सुर अपनाए हैं, वहीं यूपी में जितिन प्रसाद ने कांग्रेस का साथ छोड़ने का फैसला लिया है, ऐसे में अब हर किसी की नजरें सचिन पायलट पर भी टिकी हैं. 

सचिन पायलट की नाराजगी को लेकर हो रही चर्चा पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि इस मसले को पार्टी द्वारा सुलझा लिया जाएगा. पार्टी में कई बार आपसी मतभेद होते हैं, लेकिन बातचीत के जरिए हल निकाला जाता है. सचिन पायलट का मुद्दा भी सुलझा लिया जाएगा. 


 

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