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कांग्रेस में आए विधायक बोले- हम गहलोत के साथ, BSP का व्हिप हम पर नहीं करेगा काम

राजस्थान के सियासी संकट में बसपा छोड़ कांग्रेस में आए विधायक एक बार फिर चर्चा में आए हैं. बसपा और भाजपा की ओर से इस मामले पर भी सवाल खड़े किए गए थे.

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क्या लगेगी गहलोत सरकार की नैया पार?
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  • राजस्थान में जारी है सियासी दंगल
  • बसपा विधायकों के विलय की याचिका खारिज
राजस्थान की राजनीति में बहुजन समाज पार्टी के रुख से अचानक बदलाव होता नजर आया था. बहुजन समाज पार्टी के 6 विधायकों ने कांग्रेस पार्टी में विलय किया था, जिसपर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई. इस याचिका को खारिज कर दिया गया है. अब लाखन सिंह मीणा जो करौली से विधायक हैं, उनका कहना है कि अब वो कांग्रेस के साथ हैं और ऐसे में बसपा का व्हिप कोई मायने नहीं रखता है.

लाखन सिंह मीणा ने कहा कि हमारी सदस्यता में कहीं कोई कमी नहीं है, क्योंकि कानून के तहत हमने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस पार्टी में किया है. उन्होंने कहा कि दस महीने से हम कांग्रेस के सदस्य हैं, ऐसे में बसपा का कोई व्हिप कोई मायने नहीं रखता है.

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उन्होंने आरोप लगाया कि अब क्यों जारी किया जा रहा है, ऐसा लग रहा है कि बसपा को कहीं से मैनेज किया जा रहा है. विधायक ने कहा कि उनके पास कोई नोटिस नहीं आया है, बल्कि मीडिया से ही पता लगा है. उन्होंने दावा किया कि हम 6 लोग अब कांग्रेस में हैं और अशोक गहलोत के साथ ही रहेंगे. विधायक ने कहा कि हमें भरोसा है कि गहलोत ही बहुमत में जीत जाएंगे.

बसपा से कांग्रेस में आए लाखन सिंह मीणा ने कहा कि हमारी कुछ बातें थी जो पार्टी ने नहीं मानी थी, हम क्षेत्र का विकास चाहते थे. यही कारण रहा कि हमने अपनी पार्टी का विलय कर दिया. राष्ट्रीय या क्षत्रप पार्टी की दलील को विधायक ने गलत बताया और कहा कि कांग्रेस के साथ भी ऐसा कई बार तेलंगाना में हुआ है.

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बता दें कि बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय पर भाजपा विधायक की ओर से हाईकोर्ट में अर्जी दी गई. बाद में बसपा भी इसमें पार्टी बन गई, लेकिन जब सुनवाई शुरू हुई तो अदालत ने याचिका खारिज कर दी. हालांकि, अभी भी नए सिरे से अर्जी दाखिल करने का रास्ता खुला है.

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