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अशोक गहलोत की जीत से ज्यादा हुई सचिन पायलट की सीट पर चर्चा, कांग्रेसी विधायक भी थे नाखुश

सचिन पायलट शुक्रवार को विधानसभा में कांग्रेस विधायकों के बाद निर्दलीय विधायकों के बगल में बैठाए गए थे. निर्दलीय विधायक सोफे पर बैठे थे और बगल में पायलट आने जाने वाले रास्ते में कुर्सी पर बैठाए गए थे.

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एक विधायक के तौर पर विधानसभा पहुंचे थे सचिन पायलट (फोटो: PTI)
एक विधायक के तौर पर विधानसभा पहुंचे थे सचिन पायलट (फोटो: PTI)

  • पायलट ने सदन में खुद को कहा- सबसे मजबूत सिपाही
  • कांग्रेस के भी कई विधायक इस व्यवस्था से खुश नहीं थे

राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को विश्वास मत हासिल कर लिया. लेकिन उससे ज्यादा चर्चा सचिन पायलट की होती रही. सचिन पायलट की बैठने की सीट मीडिया की सुर्खियां बनने के अलावा सियासी हलकों में भी चर्चा का विषय बनी रही.

बता दें कि सचिन पायलट शुक्रवार को विधानसभा में कांग्रेस विधायकों के बाद निर्दलीय विधायकों के बगल में बैठाए गए थे. निर्दलीय विधायक सोफे पर बैठे थे और बगल में पायलट आने जाने वाले रास्ते में कुर्सी पर बैठाए गए थे.

आजतक ने इस नई बैठक व्यवस्था पर राज्य के कुछ नेताओं से बात की और उनकी प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की. इसे लेकर गहलोत गुट के विधायक अमीन कादरी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने बैठने की प्रक्रिया तय की होगी मगर पायलट साहब की सीट बदलनी चाहिए.

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परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि कौन कहां बैठ रहा है अभी सब कुछ आलाकमान तय करेगा. मुझे इस बारे में कुछ नहीं बोलना है. मैं बहुत बोल चुका हूं. हालांकि प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि पायलट साहब आज मेरे पीछे बैठे थे.

गहलोत गुट में शामिल पायलट के मित्र दानिश अबरार ने कहा कि यह तो सरकार और विधानसभा तय करती है कि कौन कहां बैठेगा. पूर्व मंत्री और विधायक जितेंद्र सिंह ने कहा विधानसभा अध्यक्ष ने व्यवस्था दी थी. इसमें बहुत ज्यादा नहीं देखना चाहिए.

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आपको बता दें कि इस नई बैठक व्यवस्था को भी सचिन पायलट ने अलग अंदाज में पेश किया. इस बैठक व्यवस्था पर सचिन पायलट ने सदन में कहा था कि पहले मैं उस ओर बैठता था, तो सरकार का हिस्सा था. आज जब मैं विपक्ष के एक दम बराबर में बैठा हूं, तो ये सरहद का हिस्सा है. क्योंकि मैं सबसे मजबूत सिपाही हूं इसलिए मेरी तैनाती यहां की गई है.

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