राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की. इसे शिष्टाचार मुलाकात का नाम दिया गया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि ये बैठक कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम के बारे में चर्चा को लेकर हुई थी. वहीं, इस मुलाकात के बाद से प्रदेश में कैबिनेट विस्तार की संभावनाओं को लेकर चर्चाएं फिर से गर्म हो गई हैं.
राजस्थान में गहलोत सरकार का लंबे समय से कैबिनेट विस्तार लंबित माना जा रहा है. असल में, गहलोत और पायलट गुट के बीच की राजनीतिक कशमकश, जोकि पिछले साल जुलाई के महीने में खुलकर बाहर आ गई थी. इसके बाद से कैबिनेट विस्तार को लंबित माना जा रहा है.
आज राजस्थान के आदरणीय मुख्यमंत्री श्री @ashokgehlot51जी ने माननीय राज्यपाल श्री @KalrajMishra जी से शिष्टाचार भेंट की एवं कोविड-19 के टीकाकरण से संबंधित प्रगति पर विस्तृत चर्चा की। pic.twitter.com/uMRYQj6sgR
— Raj Bhavan Rajasthan (@RajBhavanJaipur) January 17, 2021
कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी अजय माकन पिछले महीने राजस्थान दौरे के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट समेत कई कांग्रेसी नेताओं से मिले थे. इस महीने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने भी राजस्थान का दौरा किया, जिसके बाद से कैबिनेट विस्तार को लेकर अटकलों में तेजी आ गई हैं.
कैबिनेट विस्तार को लेकर माकन के सामने गहलोत और पायलट गुट को संतुष्ट करने का काम जटिल है. इनके लावा कई निर्दलीय विधायक और बसपा से कांग्रेस में आए विधायक भी हैं जो कि प्रदेश में गहलोत सरकार का हिस्सा बनना चाहते हैं.
पायलट गुट पहले से ही कैबिनेट विस्तार पर नजर लगाए बैठा है. खुद सचिन पायलट कह चुके हैं कि जिन कार्यकर्ताओं और नेताओं ने पार्टी के लिए काम किया है उन्हें उसका सिला मिलना चाहिए. वहीं, प्रदेश में भाजपा राजनीतिक हलचल पर नजर बनाए हुए है. भाजपा के वरिष्ठ नेता मानते हैं कि अगर कैबिनेट विस्तार हुआ तो प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार अस्थिर हो सकती है.