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राज्यपाल से मिलकर गहलोत ने किया बहुमत का दावा, 102 विधायकों की सूची सौंपी

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शनिवार शाम को जयपुर में राजभवन पहुंचे. उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात कर अपने पास बहुमत होने का दावा किया. अशोक गहलोत ने दावा किया कि उन्हें 102 विधायकों का समर्थन हासिल है.

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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (फोटो-PTI)
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (फोटो-PTI)

  • सीएम गहलोत ने राज्यपाल से की मुलाकात
  • मुलाकात में 102 विधायकों की सूची सौंपी
  • राज्यपाल से मिल बहुमत का किया है दावा

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शनिवार शाम को जयपुर में राजभवन पहुंचे. उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात कर अपने पास बहुमत होने का दावा किया. अशोक गहलोत ने दावा किया कि उन्हें 102 विधायकों का समर्थन हासिल है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र को समर्थन करने वाले 102 विधायकों की सूची सौंपी. भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के दो विधायक आज ही अशोक गहलोत को समर्थन देने होटल में पहुंचे थे.

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विधानसभा का समीकरण

विधानसभा समीकरण के मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष को मिलाकर कांग्रेस के 100 विधायक अशोक गहलोत गुट पास हैं. भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो विधायकों के समर्थन देने के बाद अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों का आंकड़ा 102 हो जाता है. 200 सदस्यीय विधानसभा सभा में सरकार गठन के लिए 101 विधायकों का समर्थन आवश्यक है.

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वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 72 विधायक हैं. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीन विधायक हैं. मतलब बीजेपी गठबंधन के पास कुल 75 विधायक हैं. जबकि सचिन पायलट को कांग्रेस के 19 विधायकों का समर्थन हासिल है. तीन निर्दलीय विधायक हैं, और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का एक विधायक है. इस तरह पायलट खेमे में कुल 23 विधायक हैं.

कहां से शुरू हुआ सियासी खींचतान

बता दें कि राजस्थान में पिछले कई दिनों से कांग्रेस सरकार को लेकर सियासी रस्साकशी चल रही है. गहलोल सरकार गिराने की कथित साजिश मामले में राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने एक्शन लिया. यहां तक कि इस मामले में पूछताछ के लिए एसओजी से मुख्यमंत्री गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट तक को नोटिस जारी किया. सीएम पूछताछ के लिए राजी हो गए जबकि सचिन पायलट इससे नाराज हो गए और अपने समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली में डेरा डाल दिया.

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अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर बीजेपी के साथ मिलकर राज्य सरकार को गिराने का आरोप लगाया. कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट को डिप्टी सीएम पद से हटाने का फैसला किया गया. उनके करीबी दो मंत्रियों को भी हटाने का निर्णय लिया गया था.

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