राजस्थान में वल्लभनगर और धारियावाद में उपचुनाव की घोषणा के बाद अक्टूबर के पहले सप्ताह में होने वाला मंत्रिमंडल विस्तार (Rajasthan Cabinet Reshuffle) टल सकता है. 30 अक्टूबर को दोनों उपचुनाव हैं और दो नवंबर को नतीजे आएंगे. ऐसे में 4 नवंबर को दिवाली बाद ही मंत्रिमंडल में फेरबदल की गुंजाइश है. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) नहीं चाहते हैं कि उपचुनाव से पहले मंत्रिमंडल में कोई फेरबदल या विस्तार हो.
इस बीच राजस्थान के प्रभारी महासचिव अजय माकन का जयपुर का प्रस्तावित दौरा भी टल गया है. कहा जा रहा है कि अजय माकन की तबीयत ठीक नहीं होने के कारण यह दौरा रद्द किया गया है. वहीं सीएम गहलोत के बारे में कहा जा रहा था कि वो अक्टूबर के पहले सप्ताह में दिल्ली जाकर कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाक़ात कर सकते हैं, लेकिन वो बड़ा कार्यक्रम भी अब आगे टल सकता है.
डेढ़ साल बाद आवास से निकलेंगे सीएम गहलोत
अशोक गहलोत दिल्ली जाने से पहले 2 अक्टूबर से प्रशासन संग शहरों-गांवों के अभियान में निकलेंगें. गहलोत डेढ़ साल से मुख्यमंत्री निवास से बाहर नहीं निकले हैं. जिस तरह से एक सप्ताह में लगातार दो बार सचिन पायलट और कांग्रेस आलाकमान के बीच बैठक हुई थी उसके बाद राजस्थान के विधायकों में उम्मीद बंधी थी कि राज्य में मंत्रिमंडल का विस्तार या पुनर्गठन हो सकता है. लेकिन अब गहलोत सरकार की प्राथमिकता उपचुनाव है.
वल्लभनगर विधानसभा उपचुनाव के प्रभारी परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचारियावास और सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना हैं तो दूसरी तरफ़ धारियावाद के प्रभारी मंत्री भी खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी हैं. वहां भी आदिवासी इलाक़े में जनजातीय मंत्री अर्जुन बामणिया को बदलने को लेकर चर्चा हो रही है.
कांग्रेस की एक एक सीट पर नजर
उधर महेंद्रजीत सिंह मालवीय भी मंत्री बनना चाहते हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंत्रिमंडल में विस्तार कर कोई ख़तरा मोल लेना नहीं चाहेंगे. राजस्थान में जिस तरह के राजनीतिक हालात बने हुए हैं उसे देखते हुए कांग्रेस हर एक सीट पर नज़र गड़ाए हुए हैं. इस बीच जो विधायक मंत्री बनने की चाहत में थे उनके चेहरे उदास नजर आ रहे हैं, तो दूसरी तरफ़ गहलोत सरकार में शामिल जिन मंत्रियों को लगता है कि उनके गर्दन पर तलवार लटकी है, वो अब राहत में हैं.
हालांकि चुनाव आयोग की तरफ़ से मंत्रिमंडल में फेरबदल या पुनर्गठन को लेकर कोई रोक नहीं है. कांग्रेस को जोखिम लेना नहीं चाहती है. लिहाज़ा इसे टाला जा सकता है. कांग्रेस ने मंत्रिमंडल के गठन को लेकर माथापच्ची पर चुटकी लेते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कांग्रेस मंत्रिमंडल में फेरबदल नहीं करना चाहती है क्योंकि वह जानती है कि मंत्री परिषद का पुनर्गठन होते ही सरकार गिर जाएगी. जिसके जवाब में कांग्रेस के अध्यक्ष और शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि BJP अपना घर संभाले, बीजेपी-वसुंधरा राजे और कटारिया के बीच अंदरखाने जंग छिड़ी हुई है.