केंद्र में मोदी सरकार के गठन के बाद से कांग्रेस पार्टी लगातार विधानसभा चुनावों में हार का मुंह देख रही थी. हर विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस दफ्तर में सन्नाटा पसरा रहता था, लेकिन आज का नजारा बिल्कुल उलट है. अब तक जो नजारा कांग्रेस मुख्यालय में देखा जाता था आज वैसा ही कुछ बीजेपी मुख्यालय में दिख रहा है. यहां न कोई नेता है न कार्यकर्ता, जश्न तो दूर की बात है.
विधानसभा चुनावों में लगातार मिलती जीत से लबरेज बीजेपी के लिए राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के रुझान किसी झटके से कम नहीं है. एक तो 2019 का लोकसभा चुनाव सिर पर है, दूसरा इन तीनों की राज्यों में बीजेपी की सरकार थी, जहां अब सिंहासन जाता दिख रहा है.
चुनाव में मिली हर जीत के बाद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवानी के लिए बाकायदा विजयी मार्च निकाला जाता था और पुष्पवर्षा कर नेताओं का स्वागत किया जाता था. लेकिन इस बार सब सूना है. इस बार न वो जीत है और न ही जीत का श्रेय लेने वाला कोई नेता.

जीत के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 'कांग्रेस मुक्त भारत' के नारे को बुलंद करते हुए अमित शाह बीजेपी जीत का जश्न मनाते थे. लेकिन इस बार तो उन्होंने संसद परिसर में रुझानों से जुड़े मीडिया के सवालों पर टिप्पणी तक नहीं की और बगैर कुछ कहे ही चले गए. हालांकि पार्टी के प्रवक्ताओं को अब भी उम्मीद है कि बीजेपी मध्य प्रदेश और राजस्थान में सरकार बना सकती है, हालांकि कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ को स्वीप किया है.
इस बार कांग्रेस दफ्तर का नजारा इससे ठीक उलट था. मुख्यालय के बाहर रखे पार्टी के झंडे, बैज और पोस्टरों की बिक्री में अचानक इजाफा हो गया है. पार्टी दफ्तर के बाहर जश्न मनाने आ रहे कार्यकर्ताओं ने हाथों-हाथ पार्टी की प्रचार सामग्री को खरीदा, जिससे इन सामानों के विक्रेता भी काफी खुश हैं. एक विक्रेता ने बताया कि साल 2014 में बीजेपी की जीत के बाद कांग्रेस दफ्तर के बाहर ऐसे जश्न के मौके कम ही आए हैं.

पार्टी दफ्तर के बाहर जमा कार्यकर्ताओं और समर्थकों का मानना है कि इन तीनों राज्यों की जीत से 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी का प्रधानमंत्री बनना तय है और कांग्रेस पार्टी बीजेपी को आने वाले चुनावों में मात देगी. दफ्तर के बाहर जमा समर्थकों का कहना है कि बीजेपी ने विकास के नाम पर जनता का वोट लिया लेकिन उनके एजेंडे में सांप्रदायिकता और समाज को लड़ाना शामिल था.
पार्टी सांसद और महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने रुझानों पर कहा कि कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं इस जीत से संयमित रहने की जरूरत है और पार्टी आगे और मेहनत करेगी. उन्होंने कहा कि हमें जीत का भरोसा था और एग्जिट पोल्स में भी कांग्रेस पार्टी को जीत मिलती दिखाई गई थी.
आपको बता दें कि तीन राज्यों के रुझानों में कांग्रेस को राजस्थान, छत्तीसगढ़ में बढ़त मिलती दिख रही है. राजस्थान में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बन रही है तो वहीं छत्तीसगढ़ में पार्टी बहुमत के आंकड़े को भारी अंतर से पार करती नजर आ रही है. मध्य प्रदेश का मुकाबला काफी रोचक है और यहां किसी भी पार्टी को बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है, हालांकि बीजेपी सबसे बड़े दल के रूप में जरूर उभरती दिख रही है.