राजस्थान के बहुचर्चित कमलेश प्रजापति एनकाउंटर केस की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने शुरू कर दी है. सीबीआई की 4 सदस्यीय टीम बाड़मेर पहुंची और सदर थाने जाकर एनकाउंटर के वक्त इस्तेमाल किए गए तस्कर की गाड़ी को बारीकी से देखा. कमलेश प्रजापति के परिवार और संघर्ष समिति ने संदेह जताया है कि जिनके विरुद्ध जांच हो रही है, उन्होंने सीबीआई टीम की आवाभगत की है.
परिजनों का कहना है कि ऐसे में सरकार को सोचना चाहिए कि ऐसे अधिकारी अगर यहां होंगे तो गरीब परिवार को न्याय कैसे मिलेगा. कमलेश प्रजापति की पत्नी ने 11 पन्नों की अर्जी भेजी है, जिसमें कहा है कि कमलेश प्रजापति की सुनियोजित तरीके से हत्या की गई है. पत्नी ने एक नेता की भूमिका पर संदेह जताया है. बाड़मेर पुलिस के एक्शन पर पत्नी ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं.
23 अप्रैल को बाड़मेर पुलिस ने कमलेश प्रजापति का एनकाउंटर किया था. एनकाउंटर के बाद से ही लगातार परिवार और प्रजापति समाज के लोग एनकाउंटर को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. कई स्थानीय नेता भी सरकार पर जांच का दबाव बना हे थे. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने इस केस की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी, जिसके बाद केंद्र सरकार ने 2 जुलाई को सीबीआई जांच की मंजूरी दी थी.
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CBI कर रही केस की जांच
केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद सीबीआई ने इस मामले में FIR दर्ज की है, जिसके बाद जांच एजेंसी की 4 सदस्यीय टीम ने बाड़मेर जिले के सर्किट हाउस में अपना अस्थाई कार्यालय बनाया है. केस की जांच यहीं से की जाएगी.
केंद्रीय मंत्री उठा चुके हैं एनकाउंटर पर सवाल
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से लेकर कैलाश चौधरी, हनुमान बेनीवाल और राजेंद्र सिंह राठौड़ ने एनकाउंटर केस को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. एनकाउंटर केस के बाद गजेंद्र सिंह शेखावत ने गहलोत सरकार पर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. वहीं केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी जांच की मांग की थी.
कांग्रेस विधायक ने भी पुलिस एक्शन पर उठाए सवाल
कांग्रेस विधायक मदन प्रजापत ने भी बाड़मेर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं. पहले दिन से ही पचपदरा से कांग्रेस विधायक मदन प्रजापत अपनी ही सरकार की कानून व्यवस्था के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे थे. उन्होंने गहलोत से मिलकर सीबीआई जांच की मांग की थी.