यौन शोषण के आरोप में करीब 5 साल से ज्यादा वक्त से जेल में बन्द आसाराम पर 25 अप्रैल को जोधपुर कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा. कोर्ट के फैसले से पहले आसाराम ने अपने भक्तों को एक चिट्ठी लिखी है और भक्तों को कानून का पालन करने को कहा है.
आसाराम भले ही एक नाबालिग लड़की के साथ यौन शोषण के मामले में 2012 से जेल में बंद हों लेकिन दिल्ली के रिज रोड स्थित आसाराम के आश्रम में आज भी भक्त आसाराम में न केवल अटूट विश्वास रखते हैं बल्कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि बापू 25 अप्रैल को जेल से रिहा हो जाएंगे. यहां इकट्ठा हुए तमाम भक्त एक भजन के माध्यम से बापू की रिहाई की प्रार्थना कर रहे हैं. भजन में बकायदा गाया जा रहा है... ॐ ॐ ॐ बापू जल्दी बाहर आए.
आसाराम के भक्तों के मुताबिक देश के कोने-कोने से लोग 25 अप्रैल को फैसले के दिन जोधपुर जाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन अचानक आसाराम ने जेल से भक्तों के नाम एक चिट्ठी भेज दी. इस चिठ्ठी में उसने भक्तों को लिखा है कि 25 अप्रैल को जोधपुर आकर अपना धन बर्बाद न करें. आप जहां हैं वहीं रहकर रिहाई की प्रार्थना करें और कानून का पालन करें. इस पर भक्तों ने कहा कि अब वो जोधपुर नहीं जाएंगे. अब सबकी निगाहें 25 अप्रैल के फैसले पर टिकी हैं.
जोधपुर में भी कड़ी सुरक्षा
हालांकि, फैसले के दिन बड़ी संख्या में समर्थकों के जोधपुर पहुंचने की आशंका को देखते हुए जोधपुर में अगले 8 दिन के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है. फैसला जोधपुर की सेंट्रल जेल में सुनाया जाएगा, जहां आसाराम जेल की सजा काट रहा है. फैसले को देखते हुए प्रशासन मुस्तैद हो गया है और 30 अप्रैल तक जोधपुर में धारा 144 लगा दी गई है.
आसाराम पर गुजरात में भी बलात्कार का एक मामला दर्ज है. इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने राजस्थान और गुजरात के मामलों में आसाराम को जमानत देने से इनकार कर दिया था. सूरत की दो बहनों ने आसाराम और उसके बेटे नारायण साई के खिलाफ अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराके बलात्कार और बंधक बनाने का आरोप लगाया है.