कोरोना संकट के बीच कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां लाचार लोगों से ज्यादा पैसे वसूले जा रहे हैं. राजस्थान में भी एंबुलेंस चालकों की मनमानी को लेकर आजतक ने एक खबर दिखाई थी. इस खबर का असर देखने को मिला है. राजस्थान सरकार के परिवहन विभाग ने एक आदेश जारी किया है जिसके तहत सभी एंबुलेंस में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम इंस्टॉल करना अनिवार्य किया गया है.
इस सिस्टम के जरिए ओवरचार्जिंग, एंबुलेंस ऑपरेटर्स द्वारा लंबे रूट से ले जाना, मरीजों के साथ अप्रिय घटना, अपराधिक गतिविधियों पर रोक लगाई जा सकेगी. आज तक ने ऑपरेशन अधर्म के तहत दिखाया था कि किस तरह से प्रदेश की राजधानी जयपुर के कई बड़े अस्पतालों के बाहर एंबुलेंस ऑपरेटर्स ओवर चार्जिंग कर ज्यादा पैसे मांग कर उगाही करने की कोशिशों में लगे थे.
आजतक की पड़ताल में सामने आया था कि हॉस्पिटल के बाहर एक सिडिंकेट एक्टिव है, वही सिडिकेट जो मरीजों से और मृतकों के परिजनों को एंबुलेंस सर्विस के नाम पर लूट रहे हैं, इनके चेहरों को बेनकाब करना जरूरी है. एंबुलेंस ऑपरेटर्स के सिंडिकेट की जड़ें कितनी गहरी है ये आजतक के खुफिया कैमरे में कैद हो गया था.
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अगर कोई एंबुलेंस का चालक सरकारी रेट में चलने को तैयार होता है तो सिंडिकेट से जुटे ऑपरेटर उसे धमकाते हैं, यानी सिंडिकेट ही रेट तय करता है. राजस्थान सरकार के इस फैसले से शायद ही गोरखधंधे पर लगाम लग पाएगी.