नोटबंदी से परेशान 40 गांवों के लोगों को भगवान भरोसे छोड़कर बैंक कर्मचारी बैंक में ताला लगाकर भाग गए हुए हैं. गांव वालों ने किसी तरह से गूगल से 'आज तक' संवाददाता को फोनकर अपनी परेशानी बताई.
दरअसल अलवर जिले के मुंडावर क्षेत्र के करीब 20 किलोमीटर के सर्किल में मौजूद 40 गांवों में एक मात्र हरसोली कस्बे में पंजाब नेशनल बैंक है. इस बैंक में 50 हजार लोगों के खाते हैं, जिनमें से ज्यादातर किसान और गरीब तबके के लोग हैं. बैंक पिछले चार दिन से बंद है और बैंक पर ताला जड़ा हुआ है. बैंक मैनेजर से जब ग्रामीणों और सरपंच हरिराम सैनी द्वारा बैंक नहीं खोलने का कारण पूछा तो बैंक कर्मियों ने कहा कि ऊपर से कैश नहीं मिल रहा है और गांव की महिलाएं बैंक में भीड़ कर हंगामा करती हैं. बैंक मैनेजर हरगोविंद मौर्य ने बताया कि महिलाएं स्टाफ के साथ मारपीट पर उतारू हो जाती हैं, इसलिए बैंक बंद करना पड़ रहा है.
जब सरपंच ने ऊपर शिकायत की बात कही तो बैंक कर्मियों ने कहा कि जिसको कहना है कह दो बैंक नहीं खोलेंगे. बैंक कर्मियों की दबंगई का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. न तो बुआई हो पाई है और न ही घर का काम-काज चल रहा है. गांव वालों का आरोप है कि नोटबंदी की वजह से बैंक में पैसे नहीं मिल रहे थे और बैंककर्मी रात में बैंक खोलकर अपने चहेतों को मोटी रकम दे रहे थे. जिसका ग्रामीणों ने विरोध किया तो बैंक मैनेजर ने कैश नहीं होने का हवाला देकर बैंक पर ताला जड़ रखा है.
वहीं बैंक के आलाअधिकारियों का कहना है कि कैश की पूर्ति होने पर बैंक खोल दी जाएगी. गांव की महिलाओं की मानें तो बैंक कर्मचारी झूठ बोल रहे हैं, बैंक मैनेजर बैंक में लगे सीसीटीवी दिखाएं कि किस महिला ने बैंक कर्मी के साथ बदसलूकी की. गांव के लोगों ने बैंककर्मियों पर कमीशन के लेकर नोट बदलने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की.