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पंजाब: जंगलों को काट कर नहीं बनेगा टेक्सटाइल पार्क, विरोध के बाद रद्द किया प्रोजेक्ट

मत्तेवाड़ा टेक्सटाइल प्रोजेक्ट के चलते राज्य सरकार को स्थानीय लोगों और गैर सरकारी संगठनों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा. स्थानीय पंचायत ने भी जमीन को औद्योगिक पार्क में स्थानांतरित न करने देने का प्रस्ताव पारित किया था.

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मत्तेवाड़ा में टेक्सटाइल पार्क बनने का स्थानीय लोगों ने काफी विरोध किया था.
मत्तेवाड़ा में टेक्सटाइल पार्क बनने का स्थानीय लोगों ने काफी विरोध किया था.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 955.67 एकड़ जमीन पर बनना था टेक्सटाइल पार्क
  • जुलाई 2020 में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने प्रोजेक्ट को दी थी मंजूरी

पंजाब के लुधियाना में 900 एकड़ से ज्यादा में बनाए जा रहे टेक्सटाइल पार्क के प्रोजेक्ट को रद्द करने का निर्णय लिया गया है. पर्यावरण प्रेमियों के साथ स्थानीय लोगों के विरोध के बाद पंजाब सरकार ने प्रोजेक्ट कैंसिल कर दिया है. बता दें कि लुधियाना के पास मत्तेवाड़ा गांव में टेक्सटाइल पार्क स्थापित किया जाना था. जुलाई 2020 में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने इस परियोजना को मंजूरी दी थी. इसे 955.67 एकड़ जमीन पर स्थापित किया जाना था.

राज्य सरकार को स्थानीय लोगों और गैर सरकारी संगठनों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा. वहीं, स्थानीय पंचायत ने भी जमीन को औद्योगिक पार्क में स्थानांतरित न करने देने का प्रस्ताव पारित किया था. 955.67 एकड़ में से 463 एकड़ जमीन 3 ग्राम पंचायतों से ली जानी थी.

अधिग्रहित कर ली थी 493 एकड़ भूमि

बता दें कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में बजट सत्र के दौरान सदन को बताया था कि मुआवजा देकर 493 एकड़ भूमि पहले ही अधिग्रहित की जा चुकी है. इसमें 492 एकड़ से ज्यादा भूमि राज्य सरकार की है.

2 कारणों के चलते हो रहा था विरोध

इससे पहले रविवार को आसपास के लोगों ने टेक्सटाइल पार्क का विरोध किया था. उन्होंने कहा था कि सरकार कॉरपोरेट्स के हाथों में खेल रही है, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे. मत्तेवाड़ा में टेक्सटाइल पार्क के विरोध दो बड़े कारण थे. एक तो कपड़ा उद्योग से नदी के पानी और पारिस्थितिकी को नुकसान होता, पीने के पानी की किल्लत हो सकती थी. दूसरा यहां के जंगल भी प्रदूषित होते.

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