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पंजाब में कर्नल से मारपीट मामले में आरोपी पुलिस अफसर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, CBI जांच पर रोक की मांग

पंजाब के पटियाला में 13 और 14 मार्च 2025 की रात को कर्नल से मारपीट मामले में आरोपी पुलिस अफसर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. आरोपी अफसर CBI जांच पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है.

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कर्नल पुष्पिंदर बाथ की पत्नी जसविंदर कौर, अन्य लोगों के साथ पंजाब पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करते हुए (File Photo: PTI)
कर्नल पुष्पिंदर बाथ की पत्नी जसविंदर कौर, अन्य लोगों के साथ पंजाब पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करते हुए (File Photo: PTI)

पंजाब में सेना के कर्नल से मारपीट के मामले में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने पंजाब पुलिस के आरोपी अफसर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं. उन्होंने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की सीबीआई जांच के फैसले को चुनौती दी है और सीबीआई जांच के आदेश पर रोक लगाने की गुहार लगाई है. साथ ही उन्होंने मांग की कि आरोपी अफसरों पर कोई कठोर कार्रवाई न हो. हाईकोर्ट ने एसआईटी से लेकर सीबीआई को जांच सौंपी थी. आरोपी पुलिस वालों की इस अर्जी पर चार अगस्त यानी सोमवार को सुनवाई हो सकती है.

सेना के कर्नल पर हमला, हाईकोर्ट ने जताया असंतोष

आरोप है कि पंजाब के पटियाला में भारतीय सेना के कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाथ और उनके बेटे अंगद सिंह बाथ पर पंजाब पुलिस कर्मियों ने जानलेवा हमला किया था. इस मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया गया था. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ पुलिस की एसआईटी की जांच की धीमी गति और निष्क्रियता पर नाराजगी जताते हुए जांच को सीबीआई को सौंप दिया था.

हाईकोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई पर उठाए सवाल

सेना के कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाथ ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि पटियाला पुलिस अधिकारियों द्वारा उन पर किए गए हमले की निष्पक्ष जांच नहीं हो रही है. आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी में जानबूझकर ढिलाई बरती जा रही है. हाईकोर्ट ने दोषी अधिकारियों की गिरफ्तारी न होने पर गहरा असंतोष जताया था. कोर्ट ने कहा था कि यह मामला एक बड़े अधिकारी से मारपीट का है और इसकी जांच में गंभीरता नहीं बरती जा रही है. कोर्ट ने एसआईटी प्रमुख से कहा कि आप एक आईपीएस अधिकारी हैं और आपसे इस तरह की जांच की उम्मीद नहीं की जा रही थी.

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हत्या के प्रयास की धारा हटाने पर भी सवाल

इस मामले की जांच के दौरान हत्या के प्रयास की धारा हटाने पर भी हाईकोर्ट ने सवाल उठाया था. कर्नल के वकील ने कहा कि आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है. सभी दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी.

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मारपीट की पूरी घटना

यह मामला 13 और 14 मार्च 2025 की रात का है. आर्मी कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाथ अपने बेटे अंगद के साथ राजिंदर अस्पताल के पास स्थित हरबंस ढाबे पर खाना खा रहे थे. इसी दौरान पार्किंग को लेकर विवाद हुआ. आरोप है कि वहां मौजूद चार इंस्पेक्टरों सहित 12 पुलिसकर्मियों ने कर्नल बाथ और उनके बेटे अंगद के साथ जमकर मारपीट की. सभी ने मिलकर कर्नल और उनके बेटे को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया था. आरोपी पुलिसकर्मियों ने उन्हें जान से मारने और फर्जी मुठभेड़ करने की धमकी भी दी थी.

सोशल मीडिया पर मामला उठा, एफआईआर दर्ज

बाद में कर्नल की शिकायत पर सोशल मीडिया और मीडिया में मामला उठा. आठ दिन बाद पंजाब पुलिस ने एफआईआर दर्ज की. इसके बाद 12 आरोपी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया. आरोपियों में इंस्पेक्टर रोनी सिंह, हैरी बोपाराय, हरजिंदर सिंह ढिल्लों, राजवीर सिंह, सुरजीत सिंह सहित अज्ञात व्यक्ति भी शामिल हैं. इन पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 115(2), 351(2), 109, 310, 117(1), 117(2), 126(2) और 190 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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पीड़ित परिवार की कार्रवाई की मांग

पीड़ित बाथ परिवार लगातार सस्पेंड पुलिस मुलाजिमों की गिरफ्तारी की मांग कर रहा था. जब मांग पूरी नहीं हुई तो कर्नल बाथ की पत्नी ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए डीसी दफ्तर के बाहर धरना शुरू कर दिया था. इस मामले में बाद में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने जांच के लिए एसआईटी गठित की थी. लेकिन हाईकोर्ट ने एसआईटी की जांच की प्रगति और नतीजों से गहरा असंतोष जताया.

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