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राजस्थानः निकाय चुनाव अकेले लड़ेगी भाजपा, आरएलपी से नहीं होगा गठबंधन

आरएलपी के हनुमान बेनीवाल की ओर से की जा रही बयानबाजियों के बीच गठबंधन के भविष्य पर अटकलें लगाई जाने लगी थीं. इन सबके बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया ने स्पष्ट किया है कि पार्टी अकेले चुनाव लड़ने में सक्षम है. उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव में पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी. आरएलपी से गठबंधन नहीं किया जाएगा.

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भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया (फाइल फोटोः ANI)
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया (फाइल फोटोः ANI)

  • प्रदेश अध्यक्ष ने बेनीवाल को दी हिदायत
  • कहा, भाजपा अकेले चुनाव लड़ने में सक्षम

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के साथ गठबंधन कर मैदान में उतरी थी. अब प्रदेश में निकाय चुनाव होने जा रहे हैं. आरएलपी के हनुमान बेनीवाल की ओर से की जा रही बयानबाजियों के बीच गठबंधन के भविष्य पर अटकलें लगाई जाने लगी थीं. इन सबके बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया ने स्पष्ट किया है कि पार्टी अकेले चुनाव लड़ने में सक्षम है.

उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव में पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी. आरएलपी से गठबंधन नहीं किया जाएगा. डॉक्टर पूनिया ने कहा कि अभी गठबंधन की आवश्यकता नहीं महसूस हो रही. हमारी तरफ से गठबंधन के लिए कोई पहल नहीं की गई है. उन्होंने आरएलपी के हनुमान बेनीवाल को हिदायत भी दी, कि वह भाजपा के अंदरूनी मामलों में दखलंदाजी न करें. वह इससे बाज आएं.

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बेनीवाल के बड़बोलेपन से लिया फैसला?

डॉक्टर पूनिया के इस बयान को बेनीवाल के बड़बोलेपन से जोड़कर देखा जा रहा है. पूनिया ने जिस तरह से बेनीवाल को हिदायत दी, उससे इस चर्चा को और बल मिल गया है. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा उपचुनाव में भी भाजपा और आरएलपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था. बेनीवाल कई दफा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लेकर हमलावर रूख अपना चुके हैं.

भाजपा नेताओं पर लगाया था भितरघात का आरोप

हाल ही में खींवसर सीट के लिए उपचुनाव हुआ, जहां से हनुमान बेनीवाल के भाई नारायण बेनीवाल उम्मीदवार थे. नारायण ने चुनाव भी जीता, लेकिन जीत का अंतर कम रहा. इसे लेकर बेनीवाल ने भाजपा नेताओं पर भितरघात का आरोप लगाया था. इससे भी भाजपा के नेताओं में रोष था.

नागौर से सांसद हैं बेनीवाल

प्रदेश की 25 में से एक सीट भाजपा ने आरएलपी को दी थी. आरएलपी से हनुमान बेनीवाल ने नागौर संसदीय सीट से कांग्रेस की ज्योति मिर्धा को हराकर चुनाव जीता था. इसी माह दो विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में भी यह गठबंधन जारी रहा और भाजपा ने खींवसर सीट आरएलपी के लिए छोड़ दी थी.

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