scorecardresearch
 

भारत-PAK तनाव की वजह से पंजाब के किसानों में चिंता की लहर, टमाटर की खेती पर मंडराया खतरे का साया

जम्मू-कश्मीर का कोई व्यापारी नहीं मिला रहा है. किसान की टमाटर की फसल पक कर तैयार है लेकिन किसानों के चेहरे मुरझाए हुए हैं. इस बार टमाटर जम्मू-कश्मीर नहीं पहुंच रहे हैं, जिस वजह से लाखों किसानों का नुकसान हो रहा है.

Advertisement
X
टमाटर की खेती करने वाले किसानों चिंता की लहर (प्रतीकात्मक तस्वीर)
टमाटर की खेती करने वाले किसानों चिंता की लहर (प्रतीकात्मक तस्वीर)

भारत-पाकिस्तान के बीच जंग की आहट ने पंजाब में टमाटर की खेती करने वाले किसानों की चिंता बढ़ा दी है. पहलगांव हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में लाल टमाटर नहीं जा रहा है. पंजाब के फ़रीदकोट गांव घुग्याना से हर साल हजारों टन लाल टमाटर ट्रकों में के जरिए कश्मीर के साथ ही देश के कई राज्यों जाता है. लेकिन पहलगाम हमले से भारत और पाकिस्तान के बीच हालात तनावपूर्ण होने के बाद कोई ट्रांसपोर्ट टमाटर नहीं ले जा रहा है.

Advertisement

पंजाब में टमाटर की खेती करने वाले किसानों की चिंता बढ़ा गई है. हमने फ़रीदकोट के घुग्याना के उन किसानों से मिली जो हर साल लाल टमाटर कश्मीर के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों में भी सप्लाई करते थे. इस साल किसानों में निराशा देखी जा रही है क्योंकि फसल तो हुई लेकिन इसे खरीदने वाला कोई नहीं है. 

फसल तैयार लेकिन नहीं खरीदार

जम्मू-कश्मीर का कोई व्यापारी नहीं मिला रहा है. किसान की टमाटर की फसल पक कर तैयार है लेकिन किसानों के चेहरे मुरझाए हुए हैं. इस बार टमाटर जम्मू-कश्मीर नहीं पहुंच रहे हैं, जिस वजह से लाखों किसानों का नुकसान हो रहा है. 

फ़रीदकोट गांव के किसान सिर्फ टमाटर की खेती पर ही निर्भर हैं. इस बार इन किसानों पर दोहरी मार पड़ी है, एक तो भारत पाकिस्तान में युद्ध की आहट और दूसरा कुदरत की मार भी पड़ी है. पिछले दिनों तेज हवाएं, बारिश और ओले से लाल टमाटर की फ़सल काफी हद तक खराब हो गई. इससे पंजाब में टमाटर की खेती करने वाले किसानों की चिंता बढ़ गई.

Advertisement

घुग्याना के किसान भारी मात्रा में लाल टमाटर की खेती करते हैं. वे मौजूदा स्थिति की वजह से नाराज दिखे. गांव के किसान प्रकाश सिंह कहते हैं, "हमारे गांव से हर साल लाल टमाटर कश्मीर जाते हैं लेकिन इस बार टमाटर का कोई ट्रक या अन्य ट्रांसपोर्ट नहीं जा रहा है, जिससे लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है. हम सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. 

यह भी पढ़ें: कब तक आएगी पीएम किसान योजना की 20वीं किस्त? यहां जानें सबकुछ

फल विक्रेताओं में भी चिंता की लहर

टमाटर के किसानों के अलावा फरीदकोट के फल विक्रेताओं में भी चिंता की लहर है. यहां के फल विक्रेताओं का साफ कहना है कि अब सेब या कोई भी फल तुर्की से नहीं आएगा. फलों के बड़े विक्रेता शादाब कहते हैं, "मेरे पास चिली, अमेरिका और पेरू से सेब और अन्य फल आते हैं लेकिन अब तुर्की से नहीं आएगा." हालांकि दो दिन पहले तक उनके पास तुर्की का भी सेब था.

वहीं, राघव कहते हैं कि नुकसान हो या फायदा हमें कोई फर्क नहीं पड़ता है. हम चाहते हैं कि अब तुर्की से व्यापार ना हो.

Live TV

Advertisement
Advertisement