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चुनाव से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह को झटका! AAP में शामिल हो सकते हैं पूर्व IG विजय प्रताप

विजय प्रताप का नाम पंजाब सीएम अमरिंदर सिंह के भरोसेमंद अफसरों की लिस्ट में सबसे ऊपर आता था. अप्रैल में उन्होंने पुलिस IG पद से इस्तीफा दिया था.

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पूर्व इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस कुंवर विजय प्रताप सिंह (फाइल फोटो)
पूर्व इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस कुंवर विजय प्रताप सिंह (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पंजाब में साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं
  • चुनाव में गुरु ग्रंथ साहिब बेअदबी का मामला छाया रह सकता है
  • पूर्व आईजी कुंवर विजय प्रताप सिंह AAP में शामिल हो सकते हैं

पंजाब में विधानसभा चुनाव 2022 से पहले सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को बड़ा झटका लग सकता है. खबर है कि पूर्व आईजी कुंवर विजय प्रताप सिंह (Kunwar Vijay Pratap Singh) सोमवार को आम आदमी पार्टी में शामिल हो सकते हैं.

अमरिंदर सिंह के लिए यह किसी झटके से कम नहीं होगा, क्योंकि कोटकपूरा और बहिबल कलां गोलीकांड की जांच के लिए बनी SIT के प्रमुख कुंवर विजय प्रताप सिंह ने कुछ महीनों पहले इस्तीफा दिया था, जिसे एक बार पंजाब सीएम ने यह कहकर नामंजूर किया था कि राज्य को उनके जैसे योग्य अफसर की जरूरत है. वह सीएम के भरोसेमंद अफसरों में एक रहे.

अब मिली जानकारी के मुताबिक, पूर्व आईजी कुंवर विजय प्रताप सिंह सोमवार को दिल्ली सीएम और राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में अमृतसर में ही AAP में शामिल हो सकते हैं. बेअदबी के मामले पर उनकी SIT द्वारा तैयार रिपोर्ट को जब हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था तो सिंह ने अप्रैल में इस्तीफा दे दिया था.

कैप्टन के भरोसेमंद अफसरों में होती है विजय प्रताप की गिनती

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विजय प्रताप को अमरिंदर सिंह के भरोसेमंद अफसरों में से एक माना जाता है. उन्हें 2015 के कोटकपूरा और बहिबल कलां गोलीकांड की SIT जांच का प्रमुख भी बनाया गया था. यहां बेअदबी से जुड़ी घटनाओं के बाद गोलीकांड हुआ था. सिंह ने 11 अप्रैल को समयपूर्व सेवानिवृत्ति की अर्जी लगाकर इस्तीफा दिया था. ऐसा SIT की रिपोर्ट खारिज करने के बाद ही किया गया था. 1988 बैच के IPS अफसर (पंजाब कैडर) को वैसे 2029 में रिटायर होना था.

पढ़ें - चुनावी तैयारियों के लिए कल पंजाब जाएंगे केजरीवाल, क्या कांग्रेस में फूट का मिलेगा फायदा?

बेअदबी का मामला 2022 में होने वाले पंजाब विधानसभा में काफी बड़ा मुद्दा बनता दिख रहा है. कोटकपूरा और बहिबल कलां गोलीकांड की घटना शिरोमणि अकाली दल के सत्ता में रहते हुई थी, जिसकी SIT रिपोर्ट को कोर्ट ने खारिज कर दिया. अब कांग्रेस पर आरोप लग रहे हैं कि उसने जांच में देरी की, जिसकी वजह से असली दोषी अबतक सलाखों के पीछे नहीं भेजे गए हैं. 

यह SIT रिपोर्ट अबतक सार्वजनिक नहीं की गई है. लेकिन कोर्ट ने साफ कहा था कि यह रिपोर्ट किसी एक राजनीतिक पार्टी के समर्थन में माहौल बनाने वाली है. अब ऐसे में सिंह अगर AAP में जाते हैं तो वह मजबूत होगी, क्योंकि वह अबतक कांग्रेस और SAD को बेअदबी मामले में निशाने पर लेती रही है.

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