
पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अंतर्कलह में उलझी है. सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार बचाने की कवायद में बागी तेवर अख्तियार करने वाले विधायकों की मान-मनौव्वल का दौर चल रहा है. विधायकों के बेटों और रिश्तेदारों को सरकारी नौकरी का तोहफा देकर भी कैप्टन सरकार घिर गई है और विपक्ष ने आक्रामक रुख अपना लिया है.
इन सबके बीच अब दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (एएपी) पंजाब विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. पिछले विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने वाली एएपी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती. इसीलिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद मोर्चा संभाल लिया है. केजरीवाल 21 जून को यानी सोमवार को पंजाब जाएंगे.
जानकारी के मुताबिक दिल्ली के सीएम पंजाब में चुनाव की तैयारियों को जायजा लेने जा रहे हैं. वे 21 जून को अमृतसर जाएंगे और विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों का जायजा लेंगे. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पार्टी के नेताओं और पदाधिकारियों से मुलाकात कर विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की तैयारी पर बात करेंगे.
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अपने दौरे से एक दिन पहले रविवार को अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पंजाब बदलाव चाहता है. पंजाब में बदलाव के लिए केवल आम आदमी पार्टी ही उम्मीद है. सीएम केजरीवाल ने कहा कि सोमवार को अमृतसर में मिलते हैं. केजरीवाल के अमृतसर दौरे के साथ ही पंजाब की सियासत में बड़े उलटफेर की बात कही जा रही है.
एएपी में शामिल होंगे कुंवर विजय प्रताप
साल 2015 में श्रीगुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और उसके बाद कोटकपूरा में प्रदर्शनकारियों पर हुई पुलिस फायरिंग के मामलों की जांच करने वाले पिछली एसआईटी का नेतृत्व करने वाले वॉलेंटरी रिटायरमेंट ले चुके आईजी रहे कुंवर विजय प्रताप एएपी में शामिल होंगे. कहा यह भी जा रहा है कि कुंवर विजय प्रताप को एएपी में शामिल कराने ही अरविंद केजरीवाल खुद आ रहे हैं.

गौरतलब है कि आईजी के पद पर तैनात रहे कुंवर विजय प्रताप की जांच रिपोर्ट पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था. इसके बाद उन्होंने अपने पद से वॉलेंटरी रिटायरमेंट ले लिया था. फिलहाल, पंजाब सरकार ने इन मामलों की जांच करने के लिए एक नई एसआईटी का गठन कर रखा है. पिछले कुछ दिनों से पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह विपक्षी पार्टियों के साथ ही अपनी पार्टी के नेताओं के भी निशाने पर हैं.
बता दें कि पंजाब विधानसभा में AAP के 20 विधायक थे लेकिन इस समय पार्टी के विधायकों की संख्या 16 ही रह गई है. पार्टी से कुछ विधायक और नेताओं की नाराजगी की भी चर्चा रही है. ऐसे में अरविंद केजरीवाल का यह दौरा अपने कुनबे को बचाने की कोशिश भी हो सकती है.