पंजाब के संगरूर जेल में नशा और मोबाइल फोन की तस्करी में एक बड़े खुलासे के बाद पुलिस ने डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP) को गिरफ्तार किया है. पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव ने गुरुवार को जानकारी दी कि जांच के दौरान जेल में छापेमारी कर नौ मोबाइल फोन, चार स्मार्टवॉच, 50 ग्राम हेरोइन और अन्य प्रतिबंधित सामान बरामद किया गया है.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस जांच में जेल में तैनात एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की भूमिका उजागर हुई, जो तस्करी गतिविधियों को अंजाम देने में मदद कर रहा था. मामले की परतें खोलते हुए पुलिस ने अमृतसर से मनप्रीत सिंह नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जो संगरूर जेल में बंद कैदी गुरविंदर सिंह का सहयोगी बताया गया है.
मनप्रीत के पास से पुलिस ने चार किलो हेरोइन, 5.5 लाख नकद, एक ग्लॉक पिस्तौल और जिंदा कारतूस बरामद किए हैं. यह गिरफ्तारी उस नेटवर्क का हिस्सा है जो जेल के अंदर नशा और मोबाइल की तस्करी को अंजाम दे रहा था.
जांच में सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि संगरूर जेल में सुरक्षा के लिए तैनात DSP गुरप्रीत सिंह खुद इस तस्करी रैकेट में सक्रिय रूप से शामिल थे. DGP गौरव यादव ने बताया कि गुरप्रीत सिंह जेल में नशे और मोबाइल फोन की तस्करी में न केवल शामिल थे, बल्कि उन्होंने इसके बदले पैसों का भुगतान भी यूपीआई के माध्यम से अपने परिवार के सदस्यों के खातों में लिया.
DGP ने कहा कि राज्य पुलिस नशा और अपराध के खिलाफ "जीरो टॉलरेंस" नीति पर काम कर रही है और कोई भी व्यक्ति चाहे वह किसी भी पद पर हो, अगर वह अपराध में लिप्त पाया गया तो बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि मामले की जांच अभी जारी है और आगे और गिरफ्तारियां तथा खुलासे होने की संभावना है.