पंजाब की राजनीति में इस समय कांग्रेस एक जबरदस्त अंदरूनी लड़ाई लड़ रही है जहा पर पार्टी के वरिष्ठ नेता ही एक दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप का खेल चला रहे हैं. पंजाब प्रभारी हरीश रावत के निशाने के बाद अब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी अपनी सफाई पेश की है. उन्होंने रावत के तमाम दावों को झूठा बता दिया है. उन्होंने उल्टा रावत पर कई सवाल दाग दिए हैं.
कैप्टन बोले- बैकफुट पर कांग्रेस पार्टी
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि वे इस्तीफा देने से तीन महीने पहले ही सीएम पद छोड़ने का मन बना चुके थे. उन्होंने सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भी सौंप दिया था. लेकिन तब सोनिया के कहने पर ही वे सीएम पद पर टिके रहे और अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन करते रहे. वहीं क्योंकि हरीश रावत ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस ने कैप्टन का सबसे ज्यादा सम्मान किया, इस दावे पर भी अमरिंदर ने अपनी आपत्ति दर्ज करवाई है.
उन्होंने कहा है कि पूरी दुनिया ने देखा कि किस तरीके से मेरा अपमान किया गया था. CLP मीटिंग से कुछ घंटे पहले ही मुझे अपना इस्तीफा देना पड़ गया था. अब इसे अपमान नहीं कहेंगे तो और क्या कहेंगे. रावत को एक बार मेरी जगह खड़ा होना चाहिए तब उन्हें एहसास होगा कि मेरे साथ कैसा बर्ताव किया गया था.
'मैंने 90 प्रतिशत वादों को पूरा किया'
बातचीत के दौरान कैप्टन अमरिंदर ने कई मौकों पर अपनी सरकार के ट्रैक रिकॉर्ड का भी हवाल दिया. उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान पार्टी द्वारा 90 प्रतिशत वादों को पूरा किया गया था. उनकी नजरों में रावत ने बिना किसी तथ्य के उन पर आरोप लगाए. पूर्व सीएम ने बोला कि रावत ने खुद कहा था कि वे मेरी सरकार से पूरी तरह संतुष्ट थे. उन्होंने सितंबर 1 को यहां तक कहा था कि पंजाब का चुनाव मेरे चेहरे पर लड़ा जाएगा. उन दावों के बाद अब हरीश रावत कैसे कह सकते हैं कि पार्टी मेरे काम से खुश नहीं थी. मेरा सवाल है कि रावत ने मुझे इतने लंबे समय तक अंधकार में क्यों रखा.
कैप्टन ने कांग्रेस की वर्तमन स्थिति को काफी कमजोर बता दिया. उनकी नजरों में ये पार्टी अभी सिर्फ सिद्धू के इशारों पर चल रही है. वे मानते हैं कि पंजाब में कांग्रेस पूरी तरह बैकफुट पर आ चुकी है.
पिछले कुछ महीनों से मेरे ऊपर सिर्फ एक दवाब था कि मैं कांग्रेस पार्टी की तरफ वफादार था. मैं इस वजह से सीएम पद पर बना रहा और अपना अपमान भी लगातार सहन करता रहा. मेरी समझ से परे है कि अगर कांग्रेस मुझे अपमानित नहीं करना चाहती थी तो किस आधार पर सिद्धू को मुझ पर टारगेट करने की आजादी दी गई. कैसे वे सोशल मीडिया और दूसरे माध्यम से मेरी बुराई करते रहे.
'सिद्धू के इशारों पर चल रही कांग्रेस'
वहीं कैप्टन ने कांग्रेस हाईकमान पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने पूछा है कि पार्टी के अंदर सिद्धू का ऐसा क्या दबदबा है कि अभी भी उनकी बातों को माना जा रहा है, वे अभी भी अपने इशारों पर पार्टी को चला रहे हैं. पूर्व सीएम ने स्पष्ट कहा है कि सिद्धू को ज्यादा ताकत देकर कांग्रेस ने पंजाब में अपने भविष्य के साथ समझौता कर लिया है.
'आज भी धर्मनिरपेक्षता पर विश्वास'
इस सब के अलावा कैप्टन अमरिंदर ने स्पष्ट कर दिया है कि वे आज भी धर्मनिरपेक्षता पर विश्वास करते हैं और उनके बड़े से बड़े दुश्मन भी ये मानने को मजबूर हैं. कैप्टन ने ये बयान इसलिए दिया क्योंकि हरीश रावत ने उनके अमित शाह से मिलने पर तंज कसा था. यहां तक कह दिया था कि कैप्टन को सोनिया गांधी संग मिलकर लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करनी चाहिए. अब उसी बयान पर अमरिंदर ने रावत पर निशाना साधा है. उन्होंने खुद तंज कसते हुए कह दिया कि अब कांग्रेस में कोई ऐसा नहीं बचा है जो उन पर विश्वास करता हो.
बातचीत के दौरान कई मौकों पर उदाहरण देते हुए भी कैप्टन ने हरीश रावत को झूठा बताया. उनके मुताबिक CLP मीटिंग से एक दिन पहले उनकी रावत से बात हुई थी. लेकिन उस समय रावत ने 43 विधायकों की चिट्ठी को लेकर कुछ नहीं बताया था. उन्होंने इस्तीफे वाली बात पर भी कोई जानकारी नहीं दी थी. लेकिन अब हैरान हूं कि वे कैसे मीडिया के सामने झूठ बोल रहे हैं.