पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आज शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है. उनके सीएम बनने के बाद ये पहली मुलाकात है. मुलाकात के दौरान कई मुद्दों पर बातचीत की गई है. कृषि क्षेत्र पर सबसे ज्यादा फोकस दिया गया है.
सीएम चन्नी ने पीएम से अपील की है कि किसानों से फिर बातचीत शुरू की जाए. वहीं उन्होंने जोर देकर कहा है कि पंजाब एक कृषि प्रधान राज्य है, ऐसे में तीनों कृषि कानूनों का वापस होना जरूरी है. उनकी नजरों में पंजाब की अर्थव्यवस्था काफी हद तक कृषि पर निर्भर करती है, ऐसे में समय रहते तमाम मुद्दों का सुलझना जरूरी है. वैसे चन्नी के मुताबिक पीएम मोदी भी किसानों के मुद्दे पर गंभीर हैं और इसे सुलझाना चाहते हैं.
The Chief Minister of Punjab, Shri @CHARANJITCHANNI called on PM @narendramodi. @CMOPb pic.twitter.com/SOnaKFYd9O
— PMO India (@PMOIndia) October 1, 2021
बैठक के दौरान करतारपुर कॉरिडोर के खोले जाने को लेकर भी मंथन हुआ है. सीएम ने अपील की है कि सिखों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए इसको फिर खोलना चाहिए.
चन्नी की पीएम मोदी से मुलाकात
इस समय पंजाब में राजनीतिक संकट देखने को मिल रहा है. स्थिति ऐसी है कि कैप्टन कांग्रेस छोड़ने पर विचार कर रहे हैं, सिद्धू नाराज बताए जा रहे हैं और खुद सीएम चन्नी को सरकार चलाना मुश्किल साबित हो रहा है. ऐसे वक्त में उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात काफी खास बन गई है.
पंजाब में राजनीतिक संकट
वैसे पंजाब की राजनीति में इस समय बैठकों का दौर लगातार जारी है. गुरुवार को चन्नी की नवजोत सिंह सिद्धू संग बैठक हो चुकी है, आज सीएम राहुल गांधी से भी उनकी शाम को मुलाकात तय मानी जा रही है. ऐसे में अभी पंजाब का राजनीतिक पारा काफी ज्यादा है जहां पर हर घंटे बाद समीकरण भी बदल रहे हैं और कोई नया विवाद भी खड़ा होता दिख रहा है.
हरीश रावत का कैप्टन पर निशाना
शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने अमरिंदर सिंह पर तंज कसा था. कहा था कि उनको पार्टी में पूरा सम्मान दिया गया, दो बार सीएम बनने का भी मौका दिया गया. रावत ने इस बात पर भी जोर दिया कि अमरिंदर को इस समय सोनिया गांधी संग लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाने के लिए लड़ना चाहिए. हरीश रावत के इस तंज पर कैप्टन की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन ऐसी खबर जरूर है कि वे एक नई पार्टी बना सकते हैं. पंजाब चुनाव से पहले कांग्रेस के दूसरे असंतुष्ट नेताओं को साथ लाकर वे एक नए मंच का ऐलान कर सकते हैं. लेकिन इसको लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.