अमृतसर में रविवार को जहां धमाका हुआ था, वहां सोमवार को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को जाना था. पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने उनके स्वागत में लाल कालीन बिछाई थी, लेकिन मामला मीडिया में आने और विवाद बढ़ने पर इसे हटाकर हरी कालीन बिछा दी गई.
जानकारी के मुताबिक, अमृतसर स्थित निरंकारी आश्रम के बाहर पंजाब के मुख्यमंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस थी. इसके लिए रेड कार्पेट बिछाया गया था. बाद में इसे हटाकर ग्रीन कारपेट बिछा दिया गया. गम के इस माहौल में स्वागत की इस शाही परंपरा पर जब पुलिस प्रशासन से सवाल पूछा गया तो जवाब काफी चौंकाने वाला था. पुलिस ने मीडिया के माथे ठीकरा फोड़ा और कहा कि कालीन बिछाने का आग्रह मीडिया की ओर से किया गया था.
Red carpets put near blast site ahead of CM Amarinder Singh's visit have been withdrawn and green carpets now put out. SSP Parampal Singh says 'Media had asked for arrangements to be made, now media is saying why the arrangement. This is not right. Anyway, we have withdrawn them' pic.twitter.com/41NdMNR8zn
— ANI (@ANI) November 19, 2018
अमृतसर के एसएसपी परमाल सिंह ने मीडियाकर्मियों से कहा, 'इसका प्रबंध करने के लिए मीडिया ने ही कहा था. अब मीडिया खुद कह रहा है कि इसकी क्या जरूरत थी. ऐसा रवैया अच्छा नहीं है.'
उधर, अमृतसर ग्रेनेड हमले के पीछे आईएसआई की पूरी तैयारी लगभग साफ हो चुकी है. पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस के सूत्रों के मुताबिक जिस तरह से कश्मीर में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने आतंकियों को हैंड ग्रेनेड हमले के लिए तैयार किया और कई इस तरह के हमले हुए, उसी तरह अमृतसर में भी हमला किया गया. कहा जा रहा है कि अब उसी तरीके को आईएसआई पंजाब में भी खालिस्तानी आतंकियों की मदद से लागू करने की कोशिश में है.
पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक, हैंड ग्रेनेड को एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचाना आसान है और हैंड ग्रेनेड से होने वाले ब्लास्ट का असर भी इतना होता है कि धमाका हो जाए और कई लोग हताहत भी. साथ ही हैंड ग्रेनेड के इस्तेमाल के लिए लोकल युवाओं को ट्रेनिंग भी सोशल मीडिया और मैसेंजर एप्स के जरिए आसानी से दे दी जाती है. इसी वजह से अब हैंड ग्रेनेड पंजाब में आतंक का नया हथियार बन चुका है और कश्मीरी आतंकी संगठनों को आईएसआई ने जिम्मेदारी दी है कि वो हैंड ग्रेनेड पंजाब में पहुंचाएं.
विदेशों में बैठे खालिस्तान समर्थक खालिस्तानी आतंकियों को निर्देश है कि वो सिख युवाओं को बरगला कर खालिस्तान की मुहिम से जोड़ें और उन तक पैसा भेजें. कुछ ऐसा ही धमाका हाल में खालिस्तान गदर फोर्स के पटियाला से पकड़े गए आतंकी शबनम दीप सिंह को पटियाला बस स्टैंड पर करना था लेकिन उससे पहले ही पंजाब पुलिस ने उसे दबोच लिया.