पंजाब की अजनाला कोर्ट ने अमृतपाल सिंह के सहयोगी लवप्रीत तूफान की रिहाई का आदेश दे दिया है. उसे थोड़ी देर में रिहा कर दिया जाएगा. ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेस प्रथम मनप्रीत कौर ने लवप्रीत को डिस्चार्ज करने का आदेश दिया है.
इससे पहले अमृतसर के एसएसपी ने कहा था कि लवप्रीत तूफान को रिहा किया जा रहा है क्योंकि उसने सबूत पेश किए वह मौके पर मौजूद नहीं था. हम इसे कोर्ट में जमा करेंगे. एहतियात के तौर पर सुरक्षा बल तैनात किया गया है और स्थिति नियंत्रण में है.
क्या है पूरा मामला?
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों पर चमकौर साहिब निवासी वरिंदर सिंह को अगवा करने और मारपीट करने का आरोप लगा था. बरिंदर सिंह ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया था कि अमृतपाल सिंह के साथियों ने उसे अजनाला से अगवा कर लिया था और एक अज्ञात स्थान पर ले गए जहां उसकी बेरहमी से पिटाई की. पुलिस ने अमृतपाल सिंह और समर्थकों पर केस दर्ज किया था. इस मामले में पुलिस ने अमृतपाल के करीबी लवप्रीत तूफान को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी.
पुलिस थाने पर कर दिया था हमला
लवप्रीत तूफान पर कार्रवाई के खिलाफ अमृतपाल सिंह और उसके समर्थक सड़कों पर उतर आए और थाने का घेराव कर लिया. अमृतपाल सिंह ने अपने समर्थकों से बड़ी संख्या में अजनाला पहुंचने की अपील की. अमृतपाल के समर्थक अपने साथ एक वाहन भी लेकर पहुंचे थे. इसमें एक गुरु ग्रंथ साहिब भी थी. पुलिस की अपील के बावजूद समर्थकों ने बैरीकेड्स तोड़ दिए. समर्थकों ने अजनाला पुलिस स्टेशन पर तलवार और बंदूक लेकर हमला कर दिया. इस दौरान पुलिस के साथ झड़प भी हुई, इसमें एक डीएसपी समेत छह पुलिसकर्मी घायल हो गए. इसके बाद अमृतपाल सिंह के समर्थकों में परिसर में धरना शुरू कर दिया था. सुबह साढ़े दस बजे शुरू हुआ यह बवाल शाम छह बजे तक चला.
लवप्रीत की रिहाई को तैयार हुई पुलिस
गुरुवार शाम 5:30 बजे अमृतपाल सिंह और अजनाला पुलिस के बीच बैठक हुई. पुलिस अमृतपाल सिंह द्वारा दिए गए सबूतों के आधार पर लवप्रीत तूफान को रिहा करने के लिए सहमत हो गई. इसके बाद शाम 6 बजे पुलिस के आश्वासन के बाद प्रदर्शनकारी थाने से चले गए और पास के गुरुद्वारे में प्रवेश कर गए. प्रदर्शनकारियों ने फैसला किया है कि वे लवप्रीत तूफान के रिहा होने तक गुरुद्वारे में रहेंगे.