हरियाणा सरकार में स्वास्थय मंत्री अनिल विज के इलाके में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 15 लोगों की आंखों को नुकसान पहुंचा है. महेशनगर में एक धर्मार्थ अस्पताल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने के बाद 15 लोगों की आंखों की रोशनी को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचने के बाद अनिल विज ने घटना की विभागीय जांच के आदेश दिए हैं. उनका कहना है कि इस घटना के लिए जो लोग भी जिम्मेदार होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जिन मरीजों ने ऑपरेशन के बाद आंखों में इंफेक्शन की शिकायत की थी उन्हें चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टियूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च में भर्ती कराया गया है.
50 साल के लाल चंद ने कर्ज लेकर कराया था ऑपरेशन
ऑपरेशन कराने वाले लोगों में गरीब तबके के लोग हैं. 50 साल के मरीज लाल चांद ने कर्ज लेकर ऑपरेशन कराया था उनके मुताबिक वह परिवार में अकेले कमाने वाले हैं ऐसे में उनके सामने परिवार के लालन-पालन का सवाल खड़ा हो गया है. लाल चंद की तरह 14 और भी हैं। कोई ऑटो रिक्शा चलता है तो कोई दिहाड़ी मजदूर है.
पीजीआई में एडवांस ऑई सेंटर के प्रमुख डॉ. जगत राम के मुताबिक ऑपरेशन के दौरान फ्लूड में गड़बड़ के चलते हुए ऐसा हो सकता है. उनके मताबिक 15 में से 14 मरीजों को हम छुट्टी दे रहे हैं. इनकी आंखों की रौशनी लौट आयेगी लेकिन इसमें 3 महीने भी लग सकते हैं. अंबाला के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनोद कुमार गुप्ता ने बताया कि महेशनगर में धर्मार्थ संस्था ‘सर्व कल्याण सेवार्थ समिति’ ने 24 नवंबर को 16 मरीजों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराया था.
उन्होंने बताया, ‘संस्था के पास शिविर लगाने के लिए हमारी मंजूरी नहीं थी. उन्होंने 2013 में मंजूरी के लिए आवेदन किया था लेकिन इसे हमारी ओर से अस्वीकार कर दिया गया था क्योंकि पहले हम अस्पताल का निरीक्षण करना चाहते थे और ऑपरेशन करने वाले सभी सर्जन के बारे में जानकारी चाहते थे. डॉ गुप्ता ने कहा कि ये संस्थाएं इस तरह के शिविर लगाती है क्योंकि ऑपरेशन करने पर इन्हें अच्छी रकम मिलती है. उन्हें प्रत्येक व्यक्ति से 1000 रपये मिलते हैं. उन्होंने कहा कि अधिकतर मरीजों ने अपनी आंखों के आगे के इलाज के लिए चंडीगढ़ में पीजीआई से संपर्क किया है. पीजीआई के सूत्रों ने कहा कि जिन मरीजों की आंखों का ऑपरेशन किया गया था उनकी आखों की हालत खराब है.