महंगाई से परेशान जनता कर्ज लेकर घर चलाने के लिए मजबूर होती है. ठीक इसी तरह जब सरकार के पास विकास के लिए जरूरी पैसा नहीं होता तो वो नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन प्रोग्राम लेकर आती है. जिसमें रेलवे-हाइवे-एयरपोर्ट-गैस पाइपलाइन-गोदाम जैसी सरकारी संपत्तियों को निजी हाथों में किराए पर देकर चार साल में छह लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा गया है. इस पर सरकारी बनाम निजीकरण की राजनीति शुरू हो गई है. जानिए कि आखिर सरकार को क्यों सरकारी संपत्तियां किराए पर प्राइवेट लोगों को देने की जरूरत पड़ी है?
Congress leader Rahul Gandhi attacked the Modi government over privatising government assets claiming that they were being 'sold' to 3-4 industrialists. Now, Modi government answers on the allegations of the opposition. Watch video to know more.