अयोध्या में लैंड डील मामले में लगे घोटाले के आरोपों की जांच प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई से कराई जानी चाहिए, शिवसेना नेता संजय राउत ने यह मांग उठाई है. एक लेख में संजय राउत ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी पार्टी ऐसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं को परेशान करने के लिए करती है. उन्होंने कहा कि अयोध्या जमीन मामले की जांच भी इन एजेंसियों से कराई जानी चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि लैंड डील में बीजेपी नेता का नाम आया है, लेकिन बीजेपी में होने की वजह से उनको पूछताछ तक नहीं हो रही.
एक ओपिनियन कॉलम में संजय राउत ने लिखा है कि सत्ताधारी पार्टी इन एजेंसियों का इस्तेमाल करती हैं. उन्होंने कहा कि सत्ता के बदलने पर एजेंसियों द्वारा परेशान करना भी बंद हो जाता है. उन्होंने शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक का भी जिक्र किया. उन्होंने पिछले दिनों सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर फिर से बीजेपी संग होने को कहा था. दरअसल, पिछले कुछ महीनों से प्रताप सरनाईक के खिलाप ईडी जांच कर रही है. प्रताप सरनाईक ने भी अपने पत्र में इसका जिक्र किया था.
राउत ने आगे पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का जिक्र किया है. दावा किया गया है कि बहुत पहले दोनों को सीबीआई ने परेशान किया था. लिखा है, 'पहले शाह के खिलाफ सीबीआई ने केस दर्ज किया था. फिर उनको लंबे वक्त तक जमानत नहीं लेने दी थी. लेकिन जब बीजेपी सत्ता में आई तो यह परेशान करना बंद हो गया.'
संजय राउत ने किया अयोध्या जमीन डील का जिक्र
अपने लेख में राउत ने आगे अयोध्या लैंड डील का जिक्र किया. लिखा है कि कथित घोटाले में बीजेपी नेता ऋषिकेश उपाध्याय का नाम आया है, लेकिन वह बीजेपी में हैं, इसलिए कोई जांच नहीं हुई. आगे कहा गया है कि सी एम रमेश और वाई एस चौधरी पहले टीडीपी से राज्यसभा सांसद थे. तब उनके खिलाफ ईडी की जांच चल रही थी, जो कि उनके बीजेपी में आते ही रुक गई. राउत ने इसे हास्यास्पद बताया है.