कांग्रेस पार्टी के 136वें स्थापना दिवस के मौके पर मीडिया से बातचीत में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. सुरजेवाला ने कहा कि इस देश के करोड़ों कांग्रेसजनों और देशवासियों ने एक लंबी लड़ाई लड़कर देश को आजादी दिलवाई थी. उस समय भी आज के जो सत्ताधारी हैं, उनके पितृ संगठन गोरे अंग्रेज की गोद में बैठकर देश के स्वतंत्रता संग्राम का विरोध कर रहे थे.
सुरजेवाला ने कहा कि देश की आजादी के 73 साल बाद फिर उसी ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और वही अंग्रेज जो अब काले अंग्रेजों की शक्ल धारण कर गए हैं, आज फिर उन जैसी सरकार देश की सत्ता में नजर आती है. किसान दिल्ली की सीमा पर न्याय की गुहार लगा रहे हैं और दिल्ली की गद्दी पर बैठे हुकमरान को देश के किसानों की पीड़ा नजर नहीं आती.
मोदी सरकार को घेरते हुए सुरेजवाला ने कहा कि हम पूछते हैं कि इस देश की सत्ता पर बैठे सत्ताधारी काले अंग्रेजों की शक्ल कैसे ले सकते हैं? इस देश की सत्ताधारी सरकार ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह कंपनी सरकार कैसे बन सकती है? आंखें खोलिए मोदी जी, इतने निष्ठुर मत बनिए, इतने निर्मम मत बनिए. सरकार का काम निर्दयता नहीं, सरकार का काम जनता की सेवा है.
उन्होंने कहा कि सीखना है तो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से सीख लीजिए पर भगवान के लिए किसानों से सीधी बात करिए. क्यों आप कतरा रहे हैं और किसानों को पीठ दिखा रहे हैं? 45 किसान से ज्यादा पिछले 33 दिनों के अंदर अपनी कुर्बानी दे चुके हैं. और कितनी कुर्बानियां चाहिएं मोदी जी और कितने किसान मरेंगे, तब आप जागेंगे, आपकी आत्मा पसीजेगी? और कितने किसानों की बलि आपको और चाहिए?
वहीं, राहुल गांधी के स्थापना दिवस समारोह में नहीं शामिल होने के सवाल पर सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी इस समय कांग्रेस के अध्यक्ष नहीं हैं, कांग्रेस की अध्यक्षा सोनिया गांधी हैं. राहुल गांधी को जो पार्टी जिम्मेदारी देती है, वो उसका निर्वहन कर रहे हैं. जहां कांग्रेस पार्टी उन्हें जाने को कहती है, एक कार्यकर्ता के तौर पर वो वहां जाते हैं.
स्मृति ईरानी का मांगा इस्तीफा
सुरजेवाला ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का नाम लेते हुए कहा कि उनके नाम पर किसी ने रिश्वत मांगी है तो क्या वो दोषी नहीं हैं? ये आरोप देश की जानी मानी शूटर वार्तिक सिंह ने लगाया है. इसलिए उन्हें तत्काल इस्तीफा देकर निष्पक्ष जांच की बात करनी चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि प्रधानमंत्री क्यों नहीं ज्यूडिशियल इन्क्वायरी करवा लेते हैं.