पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) और नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के बीच अनबन खत्म होने के बाद क्या अब बारी राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) की है, जहां कई महीनों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच टकराव चला आ रहा है.
सिद्धू को पंजाब कांग्रेस की कमान मिलने के बाद अब राजस्थान में भी हलचल शुरू हो गई है. इस बीच राजस्थान के प्रभारी अजय माकन (Ajay Maken) ने भी अशोक गहलोत के एक ट्वीट को रीट्वीट कर दिया, जिससे सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है. चर्चा यही है कि अब गहलोत बनाम पायलट की लड़ाई भी जल्द ही खत्म हो जाएगी.
दरअसल, बीते साल जब पायलट नाराज थे तो गांधी परिवार (Gandhi Family) चाहता था कि उनका कद बढ़ाया जाए. मगर मुख्यमंत्री गहलोत की वजह से राजस्थान कांग्रेस का झगड़ा जस का तस पड़ा हुआ है. सिद्धू को पंजाब कांग्रेस की कमान मिलने के बाद अब सचिन पायलट समर्थक विधायकों की उम्मीदें बढ़ीं हैं.
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सबसे ज्यादा फजीहत अजय माकन की!
ये भी सच है कि इस विवाद में सबसे ज्यादा फजीहत अजय माकन की ही हुई है जो पिछले दिसंबर से ही हर बार तारीख देते रहते हैं. इस बार तो उन्होंने यहां तक कह दिया था कि मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet Expansion) के लिए आया हूं मगर कुछ हुआ नहीं.
उल्टे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कह दिया कि डॉक्टरों ने कहा है कि कोरोना के बाद दो महीने तक किसी से मिलेंगे नहीं. सूत्रों के अनुसार गहलोत ना माकन से इनकार करते हैं और ना हां भरते हैं, यानी विवाद को लटका देते हैं. आलाकमान के फॉर्मूले के अनुसार सचिन पायलट गुट के 5 लोगों को एडजस्ट करना है. पायलट गहलोत को बस इतना भर कहते हैं कि अजय माकन ने जो कहा उसे गंभीरता से लेना चाहिए.
पंजाब के बाद अब राजस्थान की बारी?
इस बीच मुख्यमंत्री गहलोत ने 18 घंटे बाद पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को बधाई दी. जिस भाषा का इस्तेमाल किया उसका इशारा यही है कि वो आलाकमान के इस फैसले से खुश नहीं हैं.
कांग्रेस में सचिन पायलट और अशोक गहलोत गुट के झगड़े की वजह से हालत ये है पिछले एक साल से राजस्थान के किसी भी जिले में जिलाध्यक्ष नहीं है. मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) की अब तक टीम तक नहीं बन पाई है. यहां तक कि राजस्थान कांग्रेस में प्रवक्ता भी नहीं है. इस बीच पायलट गुट और गहलोत गुट रोजाना एक-दूसरे के खिलाफ आग उगलते रहते हैं. तो क्या अब पंजाब के बाद राजस्थान में भी कांग्रेस समाधान निकालेगी.