अभी एक दिन पहले बुधवार को ही हिंदी सिनेमा के पहले सुपर स्टार दिलीप कुमार का निधन हुआ था. एक दिन बाद ही गुरुवार सुबह 3:40 के करीब हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह का निधन हो गया. हिमाचल की राजनीति में उनका कद भी किसी सुपरस्टार से कम नहीं था. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह हिमाचल प्रदेश के छह बार मुख्यमंत्री रह चुके थे. इतना ही नहीं वह पांच बार सांसद भी चुने गए थे. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में वह इस्पात मंत्री भी रह चुके थे. वह कुल नौ बार विधायक चुने गए थे. वर्तमान में वे सोलन जिले के अर्की से विधायक थे.
वह पहली बार 1983 में मुख्यमंत्री बने और 1990 तक लगातार 2 बार इस पद पर बने रहे. इसके बाद 1993 से 1998, 2003 से 2007 और 2012 से 2017 के बीच राज्य के मुख्यमंत्री रहे. वीरभद्र सिंह का राजनीति सफर उपलब्धियों से भरा है. उनके नाम कई राजनीतिक रिकॉर्ड दर्ज हैं. वह सांसद, केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री समेत कई पदों अहम पदों पर रह चुके हैं.
और पढ़ें- हिमाचल प्रदेश के पूर्व CM वीरभद्र सिंह का 87 साल की उम्र में निधन, IGMC शिमला में ली आखिरी सांस
बता दें, हिमाचल में 1985 से लेकर अभी तक जितने विधानसभा चुनाव हुए हैं. इनमें एक बार कांग्रेस तो एक बार बीजेपी सत्ता के सिंहासन पर काबिज हुई है. हिमाचल विधानसभा का गठन 1962 में हुआ. इससे पहले हिमाचल पंजाब का हिस्सा हुआ करता था. हिमाचल में 12 बार विधानसभा का चुनाव हुआ है. इनमें से 8 बार कांग्रेस, 4 बार बीजेपी और 1 बार जनता पार्टी सत्ता के सिंहासन पर काबिज हुई है.
हिमाचल की सियासत में 55 साल से बेताज बादशाह माने जाने वाले वीरभद्र सिंह ये आखिरी चुनाव था. वे हिमाचल में 6 बार मुख्यमंत्री बने. इतना ही नहीं वह 25 साल की उम्र में सांसद बनने का इतिहास भी रच चुके हैं. हालांकि राजनीतिक सफर में विवादों से भी उनका नाता रहा. उनका नाम सीडी कांड और संपत्ति मामले में सामने आया.