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विदेश मंत्री जयशंकर बोल- देश में कोरोना वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता, 150 देशों को पहुंचाई दवा

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आज संसद के दोनों सदनों में भारत सरकार की ‘वैक्सीन मैत्री पहल’ को लेकर बयान दिया. अपने बयान के दौरान उन्होंने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को लेकर भी ये बड़ी बात कही..

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विदेश मंत्री एस. जयशंकर (फाइल फोटो)
विदेश मंत्री एस. जयशंकर (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ‘वैक्सीन मैत्री से बढ़ी विदेशों में साख’
  • भारत ‘दुनिया की फार्मेसी’ बना हुआ है
  • ‘सफलता पर दावा करने वाले कई पिता’

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आज संसद के दोनों सदनों में भारत सरकार की ‘वैक्सीन मैत्री पहल’ को लेकर बयान दिया. अपने बयान के दौरान उन्होंने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को लेकर भी ये बड़ी बात कही..

‘देश में पर्याप्त मात्रा में कोरोना वैक्सीन’
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ‘वैक्सीन मैत्री पहल’ पर अपने बयान में विपक्ष के देश में कोरोना वैक्सीन की कमी के आरोपों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, ‘देश में कोरोना वैक्सीनेशन के लिए पर्याप्त उपलब्धता है. इसे सुनिश्चित करने के लिए एक सशक्त अधिकार प्राप्त समिति लगातार वैक्सीन उपलब्धता की समीक्षा करती है.’

‘वैक्सीन मैत्री से बढ़ी विदेशों में साख’
विदेश मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार की ‘वैक्सीन मैत्री पहल’ के तहत दुनिया के कुल 72 देशों को कोरोना वैक्सीन भेजी गई. वैक्सीन मैत्री पहल की शुरुआत मालदीव से की गई. इसके बाद भूटान, श्रीलंका, नेपाल, म्यांमार, बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों को भी वैक्सीन भेजी गई. बाद में अफ्रीका और खाड़ी के देशों को भी वैक्सीन भेजी गई. इससे मल्टीपोलर होती वैश्विक व्यवस्था में भारत की साख बढ़ी है. गरीब देश हमारी तरफ उम्मीद से देख रहे हैं कि एक देश सस्ते और गुणवत्तापूर्ण वैक्सीन उपलब्ध कराने को प्रतिबद्ध है.

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‘कोरोना काल में 150 देशों को पहुंचाई दवाएं‘
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि कोरोना काल में पैरासिटामोल और हाइड्रोक्लोरोक्वइन जैसी दवाओं की बढ़ी मांग को पूरा करने में भारत सफल रहा. हमने 150 देशों को दवाओं की आपूर्ति की और इनमें से 80 देशों को दवाएं अनुदान में दी गईं.

विपक्ष की पूर्व सरकारों, संस्थानों को श्रेय देने की मांग
विदेश मंत्री के बयान के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने राज्यसभा में कहा कि सरकार कह रही है कि भारत दुनिया की फार्मेसी बन गया. लेकिन इसकी नींव कई दशक पहले 2014 से पूर्व ही शुरू हो गई थी. देश को दुनिया की फार्मेसी बनाने में कई सरकार समर्थित संस्थानों ने मदद की है. सरकार से अनुरोध है कि सरकार इस बात को ऑन रिकॉर्ड ले.

‘सफलता पर दावा करने वाले कई पिता’
विदेश मंत्री ने कांग्रेस नेताओं के पूर्ववर्ती सरकार को श्रेय देने पर हल्के अंदाज में कहा कि ‘सभापति महोदय एक पुरानी कहावत है कि ‘सफलता के कई पिता होते हैं. मुझे आज सदन में सफलता पर दावा करने वाले कई पिताओं को देखकर खुशी हो रही है. उन्होंने कहा कि वह इसे वैक्सीन मैत्री पहल की सफलता पर विपक्ष तारीफ के तौर पर ही स्वीकार करते हैं.

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‘मैंने लगवाई कोवैक्सीन’
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राज्यसभा में कहा कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को लेकर कई प्रश्न उठे. लेकिन मैं सदन को गर्व से बताना चाहता हूं कि मैंने कोवैक्सीन का ही टीका लगवाया है. इस तरह यह कोवैक्सीन पर उठे सवालों पर यही मेरा जवाब है.

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