राजनीतिक दलों के लिए चुनाव एक ऐसा मौका माना जाता है जिसका असर हर तरफ दिखाई देता है. फिर चाहे, कोई नीति हो, प्लानिंग हो या घोषणा, यहां तक कि बजट में चुनावी झलक अक्सर नजर आती रही है. केंद्र सरकार के ताजा बजट में भी चुनावी राज्यों को विशेष जगह दी गई है. लाल कपड़े से निकले टैब के जरिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चार चुनावी राज्यों में सड़क निर्माण के लिए बड़े ऐलान किए हैं.
पश्चिम बंगाल, केरल, असम और तमिलनाडु में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इन चारों राज्य पर ही सत्ताधारी बीजेपी का फोकस है. ऐसे में बजट में भी इन राज्यों के लिए हाइवे निर्माण का करोड़ों का तोहफा दिया गया है, जिसे चुनावी चक्रव्यूह भेदने वाला कदम बताया जा रहा है. इन चार राज्यों के साथ केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी में चुनाव होने हैं.
पश्चिम बंगाल
ममता बनर्जी का सियासी किला जीतने के लिए बंगाल में 675 किमी का हाइवे निर्माण किया जाएगा. इसमें कोलकाता-सिलीगुड़ी मार्ग का अपग्रेडेशन भी शामिल है. बंगाल में सड़क निर्माण के इस प्रस्ताव के लिए बजट में 25000 हजार करोड़ का ऐलान किया गया है.
सात फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद बंगाल जाने वाले हैं. वो 5 हजार करोड़ की योजनाओं की सौगात देने वाले हैं, लेकिन उनके दौरे से पहले ही बजट में बंगाल में सड़क निर्माण के लिए भारी-भरकम रकम का इंतजाम कर दिया गया है.
असम
असम में भी चुनाव है और यहां की सत्ता पर बीजेपी काबिज है. लिहाजा, बजट में नॉर्थ ईस्ट के इस राज्य पर भी फोक किया गया है. बजट में असम में नेशनल हाइवे निर्माण के लिए 34000 हजार करोड़ रुपये का ऐलान किया गया है. इन पैसों से राज्य में अगले तीन साल के अंदर 1300 किमी का हाइवे बनाने का प्रस्ताव किया गया है.
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तमिलनाडु
तमिलनाडु भी बंगाल की तरह ऐसा राज्य है जहां बीजेपी सत्ता से हमेशा दूर रही है. मगर, इस बार बीजेपी मौजूदा सत्ताधारी AIADMK के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है, लिहाजा उसे यहां से काफी उम्मीदें हैं. चुनावी माहौल के बीच आए बजट में तमिलनाडु में भी सड़क निर्माण पर काफी फोकस किया गया है. यहां 3500 किलोमीटर नेशनल हाइवे के लिए 1.03 लाख करोड़ रुपये का बजट दिया गया है. इस बजट में मदुरै-कोल्लम कॉरिडोर और चित्तूर-थाचूर कॉरिडोर भी शामिल है.
केरल
वाम दलों के गढ़ वाले केरल में भी इसी साल चुनाव हो रहे हैं. हाइवे निर्माण के लिए केरल को भी तवज्जो दी गई है. केरल में 1100 किलोमीटर नेशनल हाइवे के लिए 65000 करोड़ का प्रस्ताव किया गया है. इसमें 600 किमी का मुंबई-कन्याकुमारी कॉरिडोर भी शामिल है.
यानी 794 सीटों वाले चार चुनावी राज्यों के लिए बजट में 2 लाख 27 हजार करोड़ रुपये का ऐलान किया गया है. हालांकि, विपक्ष को केंद्र सरकार का ये कदम हजम नहीं हो रहा है. पंजाब से लेकर राजस्थान और महाराष्ट्र तक की राज्य सरकारों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई है.
कांग्रेस नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि बजट में सिर्फ चुनावी राज्यों पर फोकस किया गया है. उन्होंने कहा कि इस बजट से समाज के हर वर्ग को निराशा पहुंची है और ये यूनियन बजट नहीं, बल्कि चुनावी बजट है. वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि बजट का मतलब पूरे देश के लिए होना चाहिए, सिर्फ चुनाव राज्यों के लिए नहीं.