कांग्रेस के लिए 5 राज्यों में नतीजे किसी बुरे सपने से कम नहीं हैं. यूपी में कांग्रेस को सिर्फ 2 सीटें मिलीं. वहीं, उत्तराखंड में कांग्रेस को 70 में 19 सीटें मिलीं. गोवा में पार्टी 11 सीटों और मणिपुर में 5 सीटों पर सिमट गई.
यूपी, उत्तराखंड समेत 5 राज्यों के चुनावी नतीजों ने एक बार फिर कांग्रेस को चिंता में डाल दिया है. दरअसल, कांग्रेस ने एक और राज्य पंजाब से सत्ता गंवा दी है. अब कांग्रेस की सरकार सिर्फ 5 राज्यों में बची है. यह कांग्रेस के लिए अब तक का निचला स्तर है. इतना ही नहीं कांग्रेस के लगातार खराब प्रदर्शन के चलते अब आप, टीएमसी जैसी पार्टियां उसके लिए चुनौती बनती जा रही हैं.
कैसे रहे कांग्रेस के लिए नतीजे?
उत्तर प्रदेश: कांग्रेस के लिए 5 राज्यों में नतीजे किसी बुरे सपने से कम नहीं हैं. यूपी में 1951 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में 388 सीटें जीतने वाली कांग्रेस 2022 आते आते 2 सीटों पर सीमित रह गई है. यूपी के इतिहास में यह कांग्रेस का सबसे खराब प्रदर्शन है. कांग्रेस यूपी में 1985 में आखिरी बार सत्ता में आई थी. तब पार्टी को 269 सीटें मिली थीं. लेकिन इसके बाद 1991 में हुए चुनाव में पार्टी सिर्फ 50 सीटों पर सिमट गई थी. वहीं, 2017 में कांग्रेस को सिर्फ 7 सीटें मिल पाई थीं.
यूपी के अलावा अन्य राज्यों की बात करें तो उत्तराखंड में कांग्रेस को 70 में 19 सीटें मिलीं. गोवा में पार्टी 11 सीटों और मणिपुर में 5 सीटों पर सिमट गई. वहीं, पंजाब में कांग्रेस 2017 से सत्ता में थी. लेकिन पार्टी में अंदरूनी कलह के चलते अब सिर्फ 18 सीटों पर सीमित रह गई है.
कांग्रेस अब सिर्फ इन राज्यों में बची
लोकसभा चुनाव 2014 में मिली हार के बाद कांग्रेस लगातार एक के बाद एक राज्य गंवा रही है. अब कांग्रेस की सिर्फ राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सरकार है. जबकि महाराष्ट्र, तमिलनाडु और झारखंड में कांग्रेस सरकार में गठबंधन मे शामिल है. कांग्रेस में हर चुनाव के बाद बदलाव की मांग उठती रही है. लेकिन पार्टी नेतृत्व इस पर चुप्पी साधे हुए है. यही वजह है कि कांग्रेस में 2019 लोकसभा चुनाव के बाद से सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष पद पर हैं.
जानकारों का मानना है कि कांग्रेस का लगातार खराब प्रदर्शन राहुल गांधी के नेतृत्व के लिए चुनौती बनता जा रहा है. कांग्रेस के कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं का जी 23 गुट भी पिछले साल सोनिया गांधी को पत्र लिखकर नेतृत्व में बदलाव की मांग कर चुका है.
पंजाब में कांग्रेस की रणनीति हुई फेल
पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच विवाद खुलकर सामने आया था. इसके बाद कांग्रेस आलाकमान ने अमरिंदर सिंह को सीएम पद से हटा दिया था. उनकी जगह दलित चेहरा चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाया गया. लेकिन तुरंत बाद हुए चुनाव में कांग्रेस की यह रणनीति सफल नहीं हुई. आम आदमी पार्टी को राज्य में प्रचंड बहुमत मिला.
पार्टी में फिर उठी बदलाव की मांग
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, यह साफ है कि परिवर्तन होना चाहिए. थरूर ने ट्वीट कर कहा, कांग्रेस में भरोसा करने वाले सभी नेताओं के लिए 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे दुखद हैं. उन्होंने कहा, यह भारत के उस विचार की फिर से पुष्टि करने का समय है कि कांग्रेस देश के प्रति अपने सकारात्मक एजेंडा के लिए खड़ी रही है. यह हमारे संगठन के नेतृत्व में सुधार का समय है कि कांग्रेस के विचारों को फिर से जिंदा करें. एक चीफ साफ है, अगर हमें सफलता चाहिए, तो परिवर्तन अनिवार्य है.
कांग्रेस का विकल्प बन रही आप
कांग्रेस की आंतरिक चुनौतियों के अलावा इस हार ने आम आदमी पार्टी को कांग्रेस के विकल्प के तौर पर पेश करना भी शुरू कर दिया है. दिल्ली के बाद पंजाब ऐसा दूसरा राज्य है, जो आप ने कांग्रेस से छीना है. आप ऐसा करने वाली एकमात्र क्षेत्रीय पार्टी है.
इससे पहले 2021 में असम, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में चुनाव हुए थे. कांग्रेस को चार राज्यों में हार का सामना करना पड़ा था. वह, सिर्फ 18 सीटों के साथ तमिलनाडु में ही कांग्रेस डीएमके के नेतृत्व वाली सरकार में गठबंधन में है. पश्चिम बंगाल में तो कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई थी. जबकि 2016 में 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
गोवा में आप ने दो सीटें जीतीं
गोवा में बीजेपी ने 20 सीटें जीती हैं. माना जा रहा है कि गोवा में बीजेपी के खिलाफ वोट करने वाले लोगों ने कांग्रेस की जगह आप और टीएमसी को विकल्प चुना. यही वजह है कि आप को 6.7% जबकि टीएमसी को 5.2% वोट मिला. यानी गोवा में बीजेपी से नाराज लोगों ने कांग्रेस के अलावा आप और टीएमसी को भी विकल्प के तौर पर चुना.