'हर मस्जिद में शिवलिंग तलाशने की जरूरत नहीं', आरएसएस चीफ मोहन भागवत के इस बयान पर कांग्रेस ने तंज कसा है. कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने कहा कि ये नसीहत आम लोगों को नहीं बीजेपी और संघ कार्यकर्ताओं के लिए हैं.
कांग्रेस नेता ने कहा कि मोहन भागवत बीजेपी कार्यकर्ताओं को ये भी समझाएं कि भारत की एकता और अखंडता से बढ़कर कुछ नहीं है. विवेक तन्खा ने तंज कसते हुए कहा कि संघ प्रमुख को जानते हैं कि असली समस्या बीजेपी कार्यकर्ता हैं न कि देश के लोग.
तन्खा ने कहा कि आज महंगाई, तेल की कीमतें, बेरोजगारी, महिला सशक्तिकरण, युवाओं के विकास, पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों के कल्याण जैसे मुद्दे अहम हैं न कि ऐसे विवादों को बढ़ावा देना जिससे लोगों का ध्यान हटे. गौरतलब है कि नागपुर में संघ के एक कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा है कि वाराणसी में ज्ञानवापी का मुद्दा आस्था से जुड़ा है और इस कोर्ट के फैसले को माना जाना चाहिए. संघ प्रमुख ने कहा, 'लेकिन सभी शिवलिंग को हर मस्जिद में तलाशना और हर दिन विवाद को पैदा करने की जरूरत नहीं है.
भागवत ने आगे कहा कि इतिहास को कोई नहीं बदल सकता है. ज्ञानवापी का एक मुद्दा है, इसे हिंदू-मुस्लिम से जोड़ना गलत है. मुसलमान आक्रमणकारी तो बाहर से आए थे. वहीं मोहन भागवत ये भी कहा कि अब संघ के जरिए हर तरफ सिर्फ प्रेम का प्रसार करना है, हिंदुत्व भाव के साथ आगे बढ़ना है. इस बात पर भी जोर दिया गया है कि अब देश में किसी भी समुदाय के बीच लड़ाई नहीं होनी चाहिए. भारत को विश्वगुरु बनना चाहिए और पूरी दुनिया को शांति का पाठ सिखाना चाहिए.
संघ प्रमुख के इस बयान पर देवबंद के उलेमा मुफ्ती असद कासमी का बयान भी आया है. उन्होंने कहा कि वह भागवत के बयान से पूरी तरह सहमत हैं. मुफ्ती असद कासमी बोले कि मैं भी यह चाहता हूं और देश के सभी देशवासी और तमाम सेकुलर सोच वाले लोग यही चाहते हैं कि देश के अंदर कैसे अमन शांति रहे, भाईचारा रहे और हमारा देश तरक्की करे.