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UP: 'कभी राजीव गांधी ने कांशीराम को CIA का एजेंट बता दिया था', राहुल के गठबंधन वाले बयान पर मायावती का तंज

Mayawati Press Conference: मायावती ने राहुल गांधी के हमले का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस ने लंबे अरसे से सुधार लाने के प्रति कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं. राहुल गांधी बसपा को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं.

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प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी के हमले का जवाब देतीं मायावती.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी के हमले का जवाब देतीं मायावती.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राहुल गांधी के आरोप का मायावती ने दिया जवाब
  • बसपा सुप्रीमो बोलीं- घिनौने हथकंडे अपना रही कांग्रेस

यूपी के विधानसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर राहुल गांधी के बयान पर बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने पलटवार किया है. उन्होंने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा. बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) प्रमुख मायावती ने पुरानी घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि कभी राजीव गांधी ने भी BSP को बदनाम और कमजोर करने के लिए कांशीराम को CIA का एजेंट बता दिया था. उन्हीं की राह पर चलकर उनका बेटा मायावती पर इस तरह के गलत आरोप लगा रहा है. 

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि कांग्रेस पार्टी शुरू से ही घिनौने हाथकंडे अपना रही है. मायावती ने आगे कहा कि अंबेडकर ने पहले भी इनके खिलाफ आवाज उठाई थी. खिसयानी बिल्ली की तरह राहुल गांधी अपने घर को हथिया नहीं पा रहे हैं और बीएसपी पर उंगली उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का ये कहना कि कांग्रेस का दोबारा मायावती को सीएम बनाने के मुद्दे पर मैंने जवाब नहीं दिया, यह बात गलत है. इसमें कोई सच्चाई नहीं है.

राहुल गांधी ने क्या कहा था

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 9 अप्रैल को एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि यूपी चुनाव से पहले कांग्रेस, बसपा संग गठबंधन करना चाहती थी. मायावती को सीएम पद का ऑफर भी दिया गया था, लेकिन उन्होंने जवाब तक नहीं दिया. राहुल गांधी ने कहा था कि मायावती ने इस बार चुनाव लड़ा ही नहीं है. हमारी तरफ से उन्हें गठबंधन का प्रस्ताव दिया गया था. हमने तो ये भी कहा था कि वे मुख्यमंत्री बन सकती हैं. लेकिन उन्होंने हमारे प्रस्ताव पर कोई जवाब नहीं दिया. राहुल गांधी के मुताबिक, मायावती ईडी, सीबीआई के डर से अब लड़ना नहीं चाहती हैं.

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मायावती ने दिया जवाब

मायावती ने कहा कि राहुल गांधी कह रहे हैं कि बसपा, बीजेपी की सेंट्रल एजेंसी से डरती है. लेकिन इसमें रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है. राहुल गांधी ने बसपा और पार्टी प्रमुख को लेकर जो टिप्पणी की है, उसको लेकर दलितों और मायावती के प्रति जातिवादी उपेक्षा झलकती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने लंबे अरसे से सुधार लाने के प्रति कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं. इनके मद का सरकारी पैसा भी कही और खर्च किया गया. लोगों को आरक्षण का भी लाभ नहीं दिया गया, जिसके चलते दलित दूसरों पर निर्भर रहे.

100 बार सोचकर ही कुछ बोलना चाहिए

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि हर विपक्षी पार्टी को नतीजे पर समीक्षा करनी चाहिए, इस तरह की बातें नहीं करनी चाहिए. कुछ बोलने से पहले कांग्रेस को 100 बार सोच-समझकर बोलना चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को देखना चाहिए कि बीएसपी पर बीजेपी से लोहा लेने के मामले में कांग्रेस का खुद का क्या रिकॉर्ड रहा है, यह कांग्रेस को देखना चाहिए.

जातिगत द्वेष के कारण रोके यूपी के काम

उन्होंने कहा कि 2007 में यूपी में जब बीएसपी की सरकार थी, तब केंद्र में कांग्रेस थी. उसने जातिगत द्वेष से ज्यादातर यूपी के कार्य रोक दिए थे. अयोध्या को लेकर जब फैसला आना था, तब इन्होंने केंद्र से फोर्स तक नहीं दी. इससे हालात बिगड़ गए. राहुल पर आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा कि उन्होंने मेरी सरकार को बदनाम करने के लिए कभी पैदल मार्च किया था और धरना भी दिया था. लेकिन दूसरी सरकारों ने ऐसा कुछ नहीं किया.

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मोदी के गले लग जाते हैं राहुल

मायावती ने कहा कि कांग्रेस को पहले अपना बिखरा पड़ा घर भी देखे लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि यूपी में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव नतीजे के कारणों के बारे में मैं बता चुकी हूं, यह भी कांग्रेस को देखना चाहिए. कांग्रेस पार्टी का अपना तरीका है कोई मामला होता है गली-कूचों में चले जाते हैं, रोड पर बैठ जाते हैं. यह हमारी पार्टी नहीं करती. बसपा प्रमुख ने कहा कि राहुल जबरदस्ती संसद में मोदी के गले चिपक जाते हैं, बीएसपी यह नहीं करती.

भाजपा से लड़ने में कांग्रेस लचर

भाजपा के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई लड़ने में कांग्रेस का प्रदर्शन लचर रहा है. कांग्रेस को अब तक बीजेपी-आरएसएस से लड़ते नहीं देखा गया. बीजेपी के लोग हर तरह के हथकंडे अपनाकर देश को कांग्रेस और विपक्ष मुक्त बनाकर संविधान को खत्म कर देने पर आतुर लगते हैं. 

 

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