देश स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ (75th Independence Day) मना रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से देश को संबोधित (PM Modi Address to Nation) करते हुए देश के महापुरुषों को याद किया. साथ ही मोदी ने दलित, पिछड़े, आदिवासियों और सामान्य वर्ग के गरीबों के आरक्षण के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि वंचितों के लिए काम किया जाएगा और किसी को पीछे नहीं रहने दिया जाएगा.
पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं शदी में भारत को नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए भारत के सामर्थ्य का सही और पूरा इस्तेमाल समय की मांग है, और ये बहुत जरूरी है. इसके लिए जो वर्ग पीछे और जो क्षेत्र पीछे हैं, उनकी हैंड-होल्डिंग करनी ही होगी. साथ ही पीएम ने कहा कि मूलभूत जरूरतों की चिंता के साथ ही दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए आरक्षण सुनिश्चित किया जा रहा है.
नीट में आरक्षण का जिक्र करते हुए प्रधाननमंत्री ने लाल किले से कहा कि अभी हाल ही में मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में आल इंडिया कोटे में सामान्य वर्ग और ओबीसी वर्ग को आरक्षण की व्यवस्था की गई है. संसद में कानून बनाकर ओबीसी की सूची बनाने का आधिकार राज्य को दे दिया गया है. उन्होंने कहा कि विकास सर्वांगीण होना चाहिए. इसके लिए न तो कोई क्षेत्र छूटना चाहिए और न ही कोई वर्ग. इसी तरह हम देश के हर क्षेत्र में विकास पहुंचाने के लिए प्रयास में जुटे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सभी के सामर्थ्य को उचित अवसर देना, यही लोकतंत्र की असली भावना है. आज नॉर्थ ईस्ट में कनेक्टिविटी का नया इतिहास लिखा जा रहा है. ये कनेक्टिविटी दिलों की भी है और इंफ्रास्ट्रक्चर की भी है. नार्थ ईस्ट की सभी राजधानियों को रेल सेवा से जोड़ने का काम बहुत जल्द पूरा होने वाला है. साथ ही उन्होंने कहा कि जम्मू हो या कश्मीर, विकास का संतुलन अब जमीन पर दिख रहा है. जम्मू कश्मीर में डी-लिमिटेशन कमीशन का गठन हो चुका है और भविष्य में विधानसभा चुनावों के लिए भी तैयारी चल रही है.
मोदी ने कहा, 'अमृतकाल 25 वर्ष का है. लेकिन इतना लंबा इंतजार नहीं करना है. अभी से जुट जाना है. संकल्प तब तक अधूरा होता है, जब तक संकल्प के साथ परिश्रम और पराक्रम की पराकाष्ठा न हो. इसलिए हमें हमारे सभी संकल्पों को परिश्रम और पराक्रम की पराकाष्ठा करके सिद्ध करके ही रहना है. यही समय है. सही समय है. हमें खुद को बदलना होगा. 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विकास और अब सबका प्रयास', लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बहुत जरूरी है.'
वहीं, पिछले दिनों आरएसएस के सह-सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने भी साफ तौर पर कहा था कि वह और उनका संगठन आरएसएस आरक्षण का 'पुरजोर समर्थक' है. उन्होंने भारत के लिए आरक्षण को एक 'ऐतिहासिक जरूरत' बताते हुए कहा कि जब तक समाज का एक खास वर्ग 'असमानता' का अनुभव करता है, तब तक आरक्षण जारी रखा चाहिए. आरएसएस और पीएम मोदी का बयान ऐसे समय आया है जब देश में तमाम क्षेत्रीय पार्टियां जातिगत जनगणना की मांग कर रही हैं और हाल ही में केंद्र सरकार ने नीट में ओबीसी और सामान्य वर्ग के लिए आरक्षण सुनिश्चित किया है और ओबीसी लिस्टिंग का अधिकार राज्य सरकार को दे दिया है.
बता दें कि मोदी सरकार ने संविधान संशोधन कर ओबीसी में जातियों को शामिल करने की शक्ति राज्य सरकारों दी है. इससे राज्य सरकार अब अपने-अपने प्रदेश में ओबीसी की सूची बना सकेंगी, क्योंकि अभी ओबीसी की लिस्ट केंद्र और राज्य की अलग-अलग हैं. उदाहारण के तौर पर जाट उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में ओबीसी में शामिल हैं, लेकिन हरियाणा और पंजाब में वो सामान्य जाति में आता है. ऐसे ही वैश्य समुदाय बिहार में ओबीसी है, लेकिन यूपी में सामान्य जाति में आता है. संविधान संसोधन के बाद खासकर उन उन जातियों को फायदा मिलेगा, जो लंबे समय से आरक्षण की मांग कर रही थी.
वहीं, मोदी सरकार ने पिछले दिनों नीट में ओबीसी को 27 फीसदी और सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया है. ओबीसी समुदाय लंबे समय से मेडिकल में आरक्षण की मांग कर रहा था, जिसे लेकर तमिलनाडु सरकार कोर्ट तक गई. ऐसे में सरकार ने नीट में ओबीसी और सामान्य वर्ग को आरक्षण दिया है. इसी बात का पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर लाल किले से जिक्र किया.