भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कद्दावर नेता रहे कल्याण सिंह पंचतत्व में विलीन हो रहे हैं. 89 वर्षीय कल्याण सिंह की तबीयत कई दिनों से खराब चल रही थी. शनिवार को उन्होंने आखिरी सांस ली. अलीगढ़ के अतरौली में आज उनका अंतिम संस्कार किया गया. कल्याण सिंह के निधन के साथ ही बीजेपी के एक युग का अंत भी हो गया है.
(फाइल फोटो- कल्याण सिंह)
वो सिर्फ एक और नेता नहीं थे, वो सिर्फ विधायक, मुख्यमंत्री और गवर्नर रहने वाले एक और शख्सियत नहीं थे. कल्याण सिंह वो शिल्पकार थे, जिन्होंने ना सिर्फ बीजेपी की राजनीति गढ़ी बल्कि वो देश की राजनीति का एक अध्याय थे. जो कमंडल और मंडल आज बीजेपी की राजनीति का सबसे बड़ा दांव है, उस दांव के पहले रणनीतिकार और चेहरा तो वही थे.
(फाइल फोटो- कल्याण सिंह के साथ जश्न मनाते पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और बीजेपी के अन्य नेता)
कल्याण सिंह बीजेपी के नेताओं के लिए बाबूजी के तौर पर सम्मानित थे, लेकिन राजनीति का उनका कद ऐसा था कि धुर विरोधी मुलायम सिंह यादव हों या मायावती, सबने उत्तर प्रदेश की राजनीति में उनकी राजनीतिक हैसियत को समझा.
(फाइल फोटो- राजनाथ सिंह, मुरली मनोहर जोशी, कलराज मिश्र के साथ कल्याण सिंह)
कल्याण सिंह ने 1992 में 1990 की यूपी की मुलायम सरकार के ठीक उलट, अयोध्या आए कारसेवकों पर अपनी सरकार में गोली नहीं चलने दी और सत्ता गंवा दी.
(फाइल फोटो- राम मंदिर आंदोलन के लिए लाल कृष्ण आडवाणी के द्वारा निकाली गई रथयात्रा के मंच पर कल्याण सिंह)
विवादित ढांचा ढहाए जाने की 6 दिसंबर 1992 की उस घटना को लेकर, और उसमें कल्याण सिंह सरकार के स्टैंड को लेकर बहसें पहले भी हुई हैं, आगे भी होती रहेंगी.
(फाइल फोटो- यूपी में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद प्रदर्शन करते कल्याण सिंह)
हालांकि, कल्याण सिंह की राजनीति का कलेवर ऐसा था कि वही मुलायम और मायावती, जिन्होंने 1992 की घटना के बाद, 1993 में हुए यूपी के चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनने वाली बीजेपी के नेता कल्याण सिंह को मुख्यमंत्री नहीं बनने दिया, उन्हीं मुलायम और मायावती ने राजनीति के अलग-अलग मोड़ पर कल्याण सिंह का साथ लिया.
(फाइल फोटो- बसपा प्रमुख मायावती के साथ कल्याण सिंह)
कल्याण सिंह लोध समाज से आते थे. पश्चिमी यूपी में अलीगढ़ के अतरौली की सीट का बार-बार प्रतिनिधित्व कल्याण सिंह ने किया, लेकिन कल्याण सिंह कभी सिर्फ अपने क्षेत्र और जाति तक सीमित नहीं थे. राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उदय से पहले तक कोई दूसरा बीजेपी का ओबीसी चेहरा ऐसा नहीं था, जिसने राजनीति की इतनी ऊंचाई छुई हो.
(फाइल फोटो- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह के साथ कल्याण सिंह)
कल्याण सिंह विनम्र थे. मिट्टी से जुड़े थे. वो एक ऐसे नेता थे, जो अपने युग में उत्तर प्रदेश के हर जिले में कार्यकर्ताओं से सीधा जुड़ाव रखते थे, लेकिन उसी कल्याण सिंह में अक्खड़मिजाजी भी थी. राजनीति को अपनी शर्तों पर जीने का साहस था. बड़े से बड़ा जोखिम मोल लेने में जरा भी हिचके नहीं.
(फाइल फोटो- प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और राजनाथ सिंह के साथ कल्याण सिंह)
1999 में जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अपने करियर के शिखर पर थे और गैर कांग्रेसी सरकार के प्रधानमंत्री के तौर पर अपना रुतबा कायम कर चुके थे. जो वाजपेयी, नेहरू के युग वाली जनसंघ और फिर बीजेपी की राजनीति के शिखर पुरुष रहे थे, उस वाजपेयी से कल्याण सिंह की अनबन हो गई थी.
(फाइल फोटो- कल्याण सिंह)
1999 में कल्याण सिंह के लिए बीजेपी का रास्ता बंद हो गया, लेकिन 2004 में जब कल्याण सिंह बीजेपी में लौटे तो यूपी में बीजेपी बेहद कमजोर हो चुकी थी. 2009 में कल्याण सिंह अपनी पार्टी बनाकर बीजेपी से अलग हुए थे. उस दौर की राजनीति में उनके मिजाज से काम नहीं हुआ.
(फाइल फोटो- अटल बिहारी वाजपेयी के साथ कल्याण सिंह)
कल्याण सिंह समाजवादी पार्टी में भी शामिल हुए थे. सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई थी.
(फाइल फोटो- मुलायम सिंह यादव के साथ कल्याण सिंह)
2013 में जब वो बीजेपी में एक बार फिर आए तो अबकी बार पीछे की सारी ताहि बिसार कर आए. कहते हैं कि 2014 के लोकसभा चुनाव में अमित शाह को उन्होंने ही ओबीसी की राजनीति का दांव चलने को कहा था और वही यूपी में बीजेपी का सबसे बड़ा अस्त्र बना.
(फाइल फोटो- मुलायम सिंह यादव के साथ कल्याण सिंह)
बीजेपी आज कल्याण सिंह के मंडल-कमंडल फॉर्मूले को निचोड़ मानकर आगे बढ़ रही है, और कल्याण सिंह अपनी मौत में भी बीजेपी के पथ प्रदर्शक की तरह नजर आ रहे हैं. कल्याण सिंह की इन दुर्लभ तस्वीरों के माध्यम से देखिए उनकी राजनीतिक यात्रा-
(फाइल फोटो- कल्याण सिंह को सम्मानित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी)
तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को सम्मानित करते कल्याण सिंह. साथ में राजनाथ सिंह भी मौजूद.
अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, बसपा प्रमुख मायावती के साथ कल्याण सिंह. बीजेपी ने बसपा के साथ गठबंधन करके सरकार बनाई थी.
बीजेपी की बैठक में अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और अन्य नेताओं के साथ कल्याण सिंह.