ब्रिटिश जर्नल ऑफ सर्जरी में प्रकाशित एक अध्ययन ने अनुमान लगाया है कि कोरोना के कारण अस्पतालों से जुड़ी सेवाओं में पिछले 12 हफ्ते के चरम व्यवधान की अवधि के आधार पर दुनियाभर में करीब 2.84 करोड़ ऐच्छिक सर्जरी को 2020 में रद्द या स्थगित कर दिया जाएगा.
कोविड सर्ज कोलैबरेटिव की ओर से 120 से अधिक देशों के 5,000 से ज्यादा सर्जनों पर कोरोना की वजह से ऑपरेशन से जुड़े असर पर किए गए शोध के अनुसार, मरीजों को अपने स्वास्थ्य के लिए लंबे समय तक प्रतीक्षा का सामना करना पड़ेगा.
खास तरह की इस स्टडी का नेतृत्व इंग्लैंड, बेनिन, घाना, भारत, इटली, मैक्सिको, नाइजीरिया, रवांडा, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका में स्थित सदस्यों द्वारा किया गया था.
यह अध्ययन बताता है कि अस्पताल में एक अतिरिक्त हफ्ते के व्यवधान का मतलब है कि 24 लाख मामलों को स्थगित करना.
इंग्लैंड में बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं समेत अन्य शोधकर्ताओं ने 359 अस्पतालों और 71 देशों में वैकल्पिक सर्जरी रद्द करने की योजना के बारे में सर्जनों से विस्तृत जानकारी हासिल की.
शोधकर्ताओं का अनुमान है कि पूरी दुनिया में 72.3 प्रतिशत पहले से तय ऑपरेशन पर कोरोना का असर पड़ेगा और आगे के लिए स्थगित कर दिया जाएगा, इनमें स्थगित की जाने वाली ज्यादातर सर्जरी गैर-कैंसर मरीजों की होगी. रिसर्च के अनुमान के अनुसार, भारत में 5,84,737 मरीजों की सर्जरी कोरोना महामारी के 12 हफ्ते के शीर्ष स्तर पर रहने के कारण स्थगित किया जा सकता है या फिर देर किया जा सकता है.