इसके बाद आजतक की टीम नीमू-खरदुंग ला के उस पुल पर पहुंची, जिसका बीआरओ ने रिकॉर्ड तीन महीने में काम पूरा किया है. यहां पर पुराना लोहे का पुल था, जिसे हटाकर नया पुल बनाया गया है, ताकि सेना के भारी वाहनों को सियाचिन या दौलत बेग ओल्डी तक पहुंचने में कोई दिक्कत न हो.