ओडिशा और आंध्र प्रदेश में शनिवार को 'पिलिन' तूफान ने हिट किया. हालांकि ये तूफान अब अब पहले से शांत पड़ चुका है लेकिन अपनी तबाही के निशान इसने पीछे छोड़ दिए हैं.
ओडिशा और आंध्र प्रदेश के कई इलाकों में अब राहत और बचाव काम शुरू हो चुका है.
NDRF ने रेस्क्यू ऑपरेशन का जिम्मा उठाया हुआ है. इस तूफान ने घरों पर पेड़ गिराए. रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे NDRF की टीम.
तूफान से ओडिशा में अब तक 8 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. वैसे तूफान का खतरा करीब-करीब टल चुका है. कई जगह जनजीवन अस्त-व्यस्त है. सेना राहत और बचाव के काम में जुटी हुई है.
'पिलिन' नाम का तूफान ओडिशा के भीतरी इलाकों में दाखिल हो चुका है. अपटेड यह है कि तूफान अब ओडिशा के उत्तर पश्चिमी इलाके में चला गया है.
अगले 48 घंटे में बिहार में भारी बारिश की आशंका है. 'पिलिन' 14 अक्टूबर को पूर्वी उत्तर प्रदेश पहुंच जाएगा.
इस वक्त ओडिशा के कई जिलों में भारी बारिश के साथ तेज हवाएं चल रही हैं, लेकिन इसकी रफ्तार में धीरे धीरे कमी आ रही है.
12 तटीय जिलों में बिजली व्यवस्था ठप हो चुकी है. फोन सेवा भी बुरी तरह से प्रभावित है. मौसम विभाग की मानें, तो अगले 48 घंटों में भारी बारिश की आशंका है.
विशाखापट्टनम में समुद्र की लहरें हल्की पड़ चुकी हैं. खतरा लगभग टला गया है, पर अलर्ट अभी भी जारी है. मछुआरों को समुद्र तट से दूर रहने की सलाह दी गई है. कलिंगपट्टनम में भी तूफान खामोश पड़ चुका है.
सुबह-सुबह लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं. रास्ते में जगह-जगह पेड़ गिरे नजर आ रहे हैं. पहले कलिंगपट्टनम में भारी तबाही की आशंका जताई गई थी.