पूर्वोत्तर के वाशिंदों के मन में समाए भय को खत्म करने के लिए शुक्रवार को पूरी संसद एकजुट दिखी. सभी राजनीतिक दल दलगत भवना से ऊपर उठकर पूर्वोत्तर के लोगों के समर्थन में सामने आए. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सब मिलकर संयुक्त रूप से देश के सभी हिस्सों में वहां के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता सुषमा स्वराज ने लोकसभा में कहा, "सरकार को छात्रों के लिए एक हेल्पलाइन बनानी चाहिए, होस्टलों व शॉपिंग मॉलों के नजदीक पुलिस तैनात करनी चाहिए. सदन को एक प्रस्ताव पारित कर पूर्वोत्तर के छात्रों को आश्वस्त करना चाहिए कि सरकार व संसद उनकी सुरक्षा करेंगे.'
जद यू के सांसद शरद यादव ने कहा कि एसएमएस बंद करने से समस्या का समाधान नहीं होने वाला है. यादव ने कहा कि समाज के जागने से देश मजबूत होगा. हमलोग राम और रहीम पैदा कर रहे हैं लेकिन इंसान पैदा नहीं कर रहे हैं. सारी समस्या की जड़ यही है.
राज्यसभा में भाजपा नेता अरुण जेटली ने कहा, 'इस दहशत को समाप्त करने का दायित्व व जिम्मेदारी हमारी है. अफवाहें समाप्त होनी चाहिए.' जेटली ने कहा, 'केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, राजनीतिक दलों व समुदायों को एक आवाज में बोलना चाहिए और पूर्वोत्तर के लोगों की वापसी तुरंत रोकने व जो लोग अपने शहरों को लौट चुके हैं उनकी अपने-अपने कार्यस्थलों व अध्ययन केंद्रों की ओर वापसी सुनिश्चित करनी चाहिए.'
तृणमूल के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि पूर्वोत्तर के लोगों में विश्वास एवं सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए एक संसदीय शिष्टमंडन प्रभावित क्षेत्र में भेजा जाना चाहिए और अफवाहें फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
राज्यसभा व लोकसभा के सदस्यों ने इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की. दोनों सदनों में प्रश्नकाल स्थगित कर दिया गया.
बैंगलोर, पुणे और हैदराबाद जैसे शहरों से बड़ी संख्या में पूर्वोत्तर के लोगों के पलायन के देखते हुए सरकार ने बड़ी संख्या में एसएमएस और एमएमएस संदेश भेजने पर 15 दिन तक रोक लगा दी.
राज्यसभा ने पूर्वोत्तर की जनता के साथ एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए एक संकल्प पारित किया. संकल्प पढ़ते हुए सभापति हामिद अंसारी ने कहा पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों के मन में असुरक्षा की भावना को लेकर सदन चिंता व्यक्त करता है. विभिन्न शहरों में रह रहे यह लोग पूर्वोत्तर वापस जा रहे हैं. सदन के सभी राजनीतिक दलों की दृढ़ राय है कि पूर्वोत्तर के लोगों को इस देश का नागरिक होने के नाते भारत के किसी भी भाग में रहने का अधिकार है.’
संकल्प में कहा गया यह सदन पूर्वोत्तर लौट रहे लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और अपने अध्ययन तथा काम के स्थानों पर लौट जाने का आग्रह करता है. देश के विभिन्न भागों में उनकी उपस्थिति राष्ट्रीय एकता को बढ़ाती है. इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से देश विरोधी तत्वों द्वारा दहशत उत्पन्न करने की खातिर अफवाहें फैलाए जाने की जांच की जानी चाहिए.’ दहशत फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए विभिन्न दलों के सदस्यों ने सर्वसम्मति से इस संकल्प को पारित कर दिया.
लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि इस मसले पर लोकसभा में हुई गम्भीर व संवेदनशील चर्चा इस बात का प्रमाण है कि इस मसले पर सदन एक है. पूरे सदन के इस मुद्दे पर एक आवाज में बोलने का जिक्र करते हुए मीरा ने कहा, 'पूर्वोत्तर के भाई-बहनों, हम तुम्हारे साथ हैं, ये देश तुम्हारा है.'
लालू प्रसाद ने कहा है कि पूर्वोत्तर की तकलीफ पर सियासत नहीं हो. उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के लोगों को दिल से सुरक्षा का आश्वासन देना होगा. उन्हें यह अहसास कराना होगा कि सारा देश उनके साथ है.