देश में हिसाब चाहिए, नौजवान हिसाब मांग रहा है. उसको देना ही पड़ेगा और ये लोकतंत्र की रक्षा करेगा. यह बात एक चर्चा के दौरान कही गई. देश का 26% युवा, जिसकी उम्र 13 से 28 वर्ष के बीच है, अपनी भागीदारी और अधिकारों की बात कर रहा है. 15 करोड़ मतदाता इस आयु वर्ग के हैं, जो देश की ताकत हैं. युवा रोज़गार, सामाजिक समरसता और विकास के मुद्दों पर सवाल उठा रहा है. नेताओं से जवाबदेही तय करने की मांग की जा रही है.