विजयदशमी के पावन अवसर पर, आशुतोष राणा ने राम और रावण के जीवन दर्शन पर गहन विचार साझा किए. उन्होंने बताया कि 'शक्ति हरण का नहीं, वरण का विषय होती है और जब भी कभी आप शक्ति का हरण करने का प्रयास करते हैं, जीवन में तो आपका मरण निश्चित है.' राणा ने राम के जीवन को साधना पर आधारित बताया, जबकि रावण के जीवन को साधन पर केंद्रित.