लोकसभा में 'वन नेशन वन इलेक्शन' बिल पेश किया गया है. सरकार का दावा है कि इससे प्रशासनिक क्षमता बढ़ेगी और चुनावी खर्च कम होगा. लेकिन विपक्ष ने इसका कड़ा विरोध किया है. उनका कहना है कि यह संविधान के मूल ढांचे को प्रभावित करता है. विपक्ष ने चुनाव सुधारों के नाम पर इसे एक व्यक्ति की इच्छा पूरी करने का प्रयास बताया है.