संचार साथी ऐप को लेकर सियासत तेजी से बढ़ रही है. विपक्ष ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार इस ऐप के माध्यम से लोगों की निजी जानकारी पर नजर रख रही है. सरकार ने 28 नवंबर को आदेश जारी कर सभी मोबाइल कंपनियों से कहा कि वे मोबाइल फोन में संचार साथी ऐप इंस्टॉल करें, जिसे कोई डिलीट नहीं कर सकेगा.